अन्तर्राष्ट्रीय
फ्रांस के राष्ट्रपति से मिले मोदी
पेरिस, 3 जून (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता से पहले शनिवार को फ्रांस के नव निर्वाचित राष्ट्रपित इमानुएल मैक्रों से मुलाकात की। बीते 14 मई को फ्रांस के राष्ट्रपति का पदभार ग्रहण करने वाले मैक्रों ने मोदी का एलिसी पैलेस में बेहद गर्मजोशी से स्वागत किया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने ट्वीट किया, यह बैठक नई सौैहार्दता तथा मित्रता की नई शुरुआत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस में फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों से मुलाकात की।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पेरिस जलवायु समझौते से पीछे हटने की घोषणा के बाद शनिवार को होने वाली वार्ता में जलवायु से संबंधित मुद्दों के छाए रहने की संभावना है।
मैक्रों ने ट्रंप के कदम की कड़ी आलोचना की है, जबकि मोदी ने शुक्रवार को कहा कि पेरिस समझौता रहे या न रहे, भारत पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करना जारी रखेगा।
फ्रांस रक्षा सहयोग में भारत का एक अहम साझेदार और भारत में नौवां सबसे बड़ा निवेशक है।
यूरोप के चार देशों की छह दिवसीय यात्रा के चौथे व अंतिम पड़ाव के तहत मोदी शुक्रवार शाम फ्रांस पहुंचे। फ्रांस से पहले उन्होंने जर्मनी, स्पेन तथा रूस का दौरा किया।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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