बिजनेस
फोर्ड इंडिया में श्रमिक संघ को मान्यता मिली
चेन्नई| फोर्ड इंडिया के संयंत्र से उत्पादन शुरू होने के एक दशक से ज्यादा समय के बाद कंपनी के श्रमिक संघ को मान्यता मिल गई है। श्रमिक संघ के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। चेन्नई फोर्ड श्रमिक संघ के अध्यक्ष के. सेल्वराज ने गुरुवार को आईएएनएस को बताया, “इस संयंत्र से उत्पादन शुरू होने के लगभग 15 साल बाद हमें आखिरकार प्रबंधन द्वारा मान्यताप्राप्त श्रमिक संघ मिल गया। कामगारों के सामूहिक अधिकारों को प्रबंधन द्वारा मान्यता दे दी गई है।”
कंपनी के महासचिव ए.सतीश कुमार ने आईएएनएस को बताया, “हाल ही में संघ अधिकारियों के चुनाव के लिए कर्मचारी संघ के चुनाव संपन्न हुए हैं। कंपनी प्रबंधन एक ऐसा श्रमिक संघ चाहता था, जिसका किसी राजनीतिक पार्टी से कोई संबंध नहीं हो। ”
सेल्वराज के मुताबिक, कर्मचारी संघ यहां से लगभग 50 किलोमीटर दूर कंपनी के मरैमलाई नगर स्थित संयंत्र के श्रमिकों के हितों का प्रतिनिधित्व करेगा।
सेल्वराज के मुताबिक, “संयंत्र में लगभग 3,050 स्थाई श्रमिक और लगभग 1,800 प्रशिक्षु हैं।”
उन्होंने कहा कि कंपनी प्रबंधन ने श्रमिक संघ को मान्यता दे दी है।
सेल्वराज के मुताबिक, कंपनी का दूसरा उत्पादन संयंत्र जल्द ही गुजरात में स्थापित होने वाला है और श्रमिकों को वहां संगठित होने में कुछ समय लगेगा।
श्रमिकों के सामूहिक अधिकारों के हित में श्रमिक संघ को मान्यता मिलने पर खुशी जताते हुए सेल्वराज ने कहा कि संघ का अगला कार्य खुद को सुसंगठित करना और मांगों का घोषणा पत्र तैयार करना है।
उन्होंने आगे कहा, “वर्तमान वेतन समझौता जल्द ही खत्म होने वाला है और हमें इस पर बातचीत शुरू करनी है।”
गौरतलब है कि कुछ साल पहले ह्युंडई मोटर इंडिया ने भी इसी तरीके से लंबी अवधि से लटके पड़े श्रमिक संघ को मान्यता दी थी।
बिजनेस
Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो
नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।
व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।
तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।
व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।
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