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मनोरंजन

फरहान अख्तर ने अपने पैतृक गांव खैराबाद का मुआयना किया

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मुंबई, 19 अगस्त (आईएएनएस)| फरहान अख्तर इन दिनों अपनी आगामी फिल्म ‘लखनऊ सेंट्रल’ का जोर-शोर से प्रचार कर रहे हैं और जब फिल्म का नाम ही लखनऊ हो तो लखनऊ जाना तो बनता ही है। ऐसे में अभिनेता ने हाल ही में लखनऊ जाकर अपनी फिल्म का प्रचार तो किया ही, लेकिन लखनऊ के पास के खैराबाद से फरहान का खास लगाव है।

दरहसल खैराबाद से फरहान के परदादा फजल-ए-हक खैराबादी ताल्लुख रखते हैं जो 1857 के क्रांतिकारी विद्रोह में शामिल थे। उन्हें अंग्रेजी के खिलाफ जिहाद के पक्ष में फतवा जारी करने के लिए याद किया जाता है, जिन्हें बाद में कालापानी भेज दिया गया था। वह न केवल एक क्रांतिकारी थे, बल्कि एक दार्शनिक, कवि और धार्मिक विद्वान भी थे।

फजल-ए-हक लखनऊ में मुख्य न्यायाधीश भी रह चुके हैं। इसिलए खैराबाद के इतने पास आकर इस जगह को देखने का मौका फरहान अपने हाथ से जाना नही देना चाहते थे।

यह फिल्म 15 सितंबर को रिलीज होगी।

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प्रादेशिक

13 साल बाद एक्ट्रेस को मिला इंसाफ, कोर्ट ने हत्यारे बाप को सुनाई फांसी की सजा

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मुंबई। एक्ट्रेस लैला खान और उसके पूरे परिवार के हत्यारे सौतेले पिता को मुंबई की सेशन कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में परवेज टाक को लैला, उनकी मां और चार भाई-बहन की हत्या और सबूतों को नष्ट करने का दोषी ठहराया था। यह मामला 13 वर्ष पुराना है। सौतेले प‍िता ने लैला, उसकी मां व चार भाई-बहनों की हत्या की थी, इसके बाद शवों को फार्म हाउस में गड्ढा खोदकर दफन कर दिया था।

बता दें कि बीते सप्ताह सरकारी वकील पंकज चव्हाण ने दोषी परवेज टाक के लिए मौत की सजा की मांग की थी। उनका कहना था कि इस हत्या को पूरी तरह से प्लान करके किया गया था, जिसमें एक ही परिवार के छह लोगों को बड़ी ही बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया और शवों को ठिकाने लगा दिया गया।

लैला खान हत्याकांड में मंगलवार को कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस दौरान आरोपी के वकील वहाब खान ने दलील पेश की, जिसमें उन्होंने कम से कम आजीवन कारावास की सजा की मांग की। वकील ने कहा कि कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं है और शव उनके कहने पर बरामद किए गए थे। इतना ही नहीं बल्कि दोषी के वकील ने जेल में टाक के अच्छे व्यवहार की ओर इशारा करते हुए कहा कि उसमें सुधार हुआ है और इसलिए उन्होंने इसे भी सजा को कम करने का आधार बताया है। हालांकि कोर्ट ने उनकी एक न सुनी और परवेज टाक को फांसी की सजा सुना दी।

बता दें कि परवेज टाक, लैला का सौतेला पिता है। परवेज ने लैला की मां संग तीसरी शादी की थे। साल 2011 में फरवरी में लैला खान, उनकी मां और चार भाई-बहनों की महाराष्ट्र के नासिक जिले के इगतपुरी स्थित उनके बंगले में हत्या कर दी गई थी। रिपोर्ट्स की मानें तो कहा गया कि संपत्तियों पर बहस के बाद परवेज ने इस घटना को अंजाम दिया था।

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