अन्तर्राष्ट्रीय
फग्र्यूसन में विरोध प्रदर्शनों के बाद अब शांति
न्यूयार्क| अमेरिका के मिसौरी राज्य के फग्र्यूसन शहर में थैंक्सगिविंग डे पर शांति बहाल हो गई। यहां सोमवार को अश्वेत किशोर की मौत मामले में पुलिस अधिकारी पर मुकदमा न चलाने के न्यायालय के निर्णय के बाद विरोध-प्रदर्शन भड़क उठा था। समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, सेंट लुईस के उपनगर फग्र्यूसन में सोमवार और मंगलवार को हिंसक प्रदर्शन के बाद अब शांति लौट रही है। हिंसक प्रदर्शन के दौरान संपत्तियों को नुकसान पहुंचा और 120 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
फग्र्यूसन के कुछ निवासी गुरुवार को थैंक्सगिविंग आयोजन को बीच में छोड़कर कैनफील्ड ड्राइव पहुंचे और 18 वर्षीय माइकल ब्राउन को याद किया। न्यायालय के फैसले के खिलाफ बुधवार रात लॉस एंजेलिस में प्रदर्शन हुए, जिस दौरान हिंसा और गिरफ्तारियों की खबरें आईं। न्यायालय के फैसले के खिलाफ अमेरिका के 170 शहरों में इस दौरान विरोध प्रदर्शन हुए हैं।
28 वर्षीय पुलिस अधिकारी डेरन विल्सन ने नौ अगस्त को ब्राउन को गोली मार दी थी। अधिकारी का दावा था कि उसने आत्मरक्षा में गोली चलाई थी और उन्हें अपनी जान खतरे में लग रही थी। इस सप्ताह एक साक्षात्कार में विल्सन ने कहा कि उन्होंने आत्मरक्षा में ब्राउन पर गोली चलाई थी, जबकि कई प्रत्यक्षदíशयों के मुताबिक ब्राउन की हत्या की गई थी।
अन्तर्राष्ट्रीय
कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित
नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।
एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।
कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।
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