अन्तर्राष्ट्रीय
पोप कड़ी सुरक्षा के बीच इस्तांबुल पहुंचे
इस्तांबुल| पोप फ्रांसिस कड़ी सुरक्षा के बीच शनिवार को अंकारा से इस्तांबुल पहुंचे। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, इस्तांबुल में इस दौरान सुरक्षा स्तर को बढ़ाकर खतरनाक (लाल) स्तर पर कर दिया गया, जिसके तहत हवाईअड्डे और इस्तांबुल के ऐतिहासिक प्रायद्वीप के बीच के मार्ग पर प्रत्येक 50 मीटर की दूरी पर 5,000 तक पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। यहां पोप ने सुल्तानहमत मस्जिद और हजिया सोफिया संग्रहालय का दौरा किया।
तुर्की इस मामले में पहले से बदनाम है, क्योंकि तुर्की के महमत अली अगका ने 1982 में वैटिकन में पोप जॉन पाल द्वितीय को गोली मारकर घायल कर दिया था। पोप फ्रांसिस का हजिया सोफिया का दौरा प्रतीकात्मक रूप से महत्वपूर्ण माना गया है। 916 वर्षो तक कांस्टैंटिनोपल (तुर्की का पूर्व नाम) के एक ग्रीक ऑर्थोडॉक्स कैथ्रेडल के रूप में सेवाएं देने के बाद इस स्थल को एक मस्जिद में परिवर्तित कर दिया गया, लेकिन आज यह तुर्की में सभी के लिए एक धर्मनिरपेक्ष संग्रहालय है।
पोप बाद में सिसली में होली स्प्रिट कैथ्रेडल में धर्मसभा को संबोधित कर सकते हैं। सिसली तुर्की का यूरोपीय जिला है, जहां के अधिकांश निवासी गैर मुस्लिम हैं। पोप शनिवार को ही बाद में पैट्रियार्च बार्थोलोमेव से भी मुलाकात करने वाले हैं। यह मुलाकात ऑर्थोडॉक्स चर्चो के साथ बेहतर संबंध विकसित करने के एक कदम के रूप में होगी। कैथोलिक और ऑर्थोडॉक्स चर्च 1,000 वर्ष से अधिक समय पूर्व विभाजित हो गए थे। पोप फ्रांसिस के तुर्की दौरे को इराक और सीरिया में सुन्नी चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट के उत्थान के बीच विभिन्न धर्मो में मेल-मिलाप बढ़ाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
अन्तर्राष्ट्रीय
कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित
नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।
एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।
कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।
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