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पूर्व सैनिक सुसाइड मामला : हिरासत में लेने के बाद फिर छोड़े गए राहुल

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rahul-gandhi-detainedनई दिल्ली। वन रैंक वन पेंशन को लेकर पूर्व सैनिक रामकिशन ग्रेवाल की आत्महत्या पर दूसरे दिन भी सियासी संग्राम जारी है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को पुलिस ने गुरुवार को विरोध मार्च निकालने से रोक दिया। कैंडल मार्च में शामिल होने जा रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को पुलिस ने एक बार फिर हिरासत में लिया। हालांकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।

राहुल गांधी सशस्त्र बलों के लिए वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) योजना को लागू करने की मांग के साथ मार्च निकालना चाह रहे थे। कांग्रेस का प्रदर्शन पूर्व सैनिक राम किशन ग्रेवाल द्वारा खुदकुशी करने के बाद तय किया गया था। ग्रेवाल ने ओआरओपी को लागू नहीं करने के विरोध में जहर खा लिया था।

संयुक्त पुलिस आयुक्त दीपेंद्र पाठक ने कहा, राहुल को उस वक्त रोक दिया गया जब वह संसद मार्ग से विरोध मार्च निकाल रहे थे। मार्च इंडिया गेट तक जाना था, लेकिन पुलिस ने राहुल को सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए रोक लिया था और कुछ देर बाद हिरासत में ले लिया। हालांकि दिल्ली पुलिस ने राहुल को हिरासत में लेने की बात से इंकार किया है।

उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी को बुधवार को पहले ही दो बार हिरासत में लेकर छोड़ा जा चुका है। कल देर शाम जब पुलिस ने राहुल गांधी को छोड़ा तो उन्होंने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। राहुल ने कहा कि सरकार ने ओआरओपी पर सैनिकों से वादा पूरा नहीं किया।

नेशनल

राहुल गांधी ने फिर उठाए ईवीएम पर सवाल, कहा- ये एक ब्लैक बाॅक्स है, किसी को इसकी जांच की इजाजत नहीं

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नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों के दौरान विपक्ष ने ईवीएम का मुद्दा जमकर उठाया था। हालांकि चुनावी नतीजे आने के बाद ये मुद्दा गायब सा हो गया था। अब एक बार फिर राहुल गाँधी ने ईवीएम का मुद्दा उठाया है। राहुल गांधी ने बिजनेसमैन एलन मस्क की पोस्ट को रिट्वीट करते हुए लिखा कि भारत में ईवीएम एक ब्लैक बाॅक्स है और किसी को इसकी जांच की इजाजत नहीं है। हमारी चुनावी प्रकिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं। जब संस्थाओं में जवाबदेही की कमी होती है तो लोकतंत्र एक दिखावा बन जाता है।

राहुल गांधी ने अपनी पोस्ट में हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव से जुड़ी एक घटना का जिक्र किया है। राहुल ने इससे जुड़ी खबर को शेयर किया है। इस मामले में ईवीएम को लेकर सवाल उठाए गए हैं। मुंबई पुलिस ने शिवसेना शिंदे गुट के सांसद रविंद्र वायकर के साले मंगेश पांडिलकर के खिलाफ केस दर्ज किया है। मंगेश पांडिलकर पर यह आरोप है कि उसने मुंबई के गोरेगांव चुनाव केंद्र के अंदर पाबंदी के बावजूद मोबाइल का इस्तेमाल किया था।

मुंबई पुलिस ने पांडिलकर को मोबाइल देने के आरोप में चुनाव आयोग के एक कर्मचारी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। दरअसल, इस मामले में मुंबई की नॉर्थ पश्चिम सीट से चुनाव लड़नेवाले कई उम्मीदवारों की तरफ से भी शिकायतें मिली थीं। जिसके बाद मामला दर्ज किया गया। बता दें कि शिवसेना शिंदे के उम्मीदवार रविंद्र वायकर दोबारा काउंटिंग होने के बाद केवल 48 वोटों से चुनाव जीतने में सफल रहे थे। इस पर काफी विवाद भी हुआ था।

 

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