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पुराने रिश्तों की कीमत चुका रहीं वसुंधरा, भाजपा भी बैकफुट पर

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केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा ब्रिटेन में रह रहे पूर्व आईपीएल प्रमुख ललित मोदी को दी गई मदद को लेकर उठा सियासी तूफान अभी शांत भी न हो पाया था कि इसमें एक और वरिष्ठ भाजपा नेता वसुंधरा राजे का नाम जुड़ गया। खुद ललित मोदी ने अपने एक खुलासे के जरिये राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे के लिए खासी मुसीबत खड़ी कर दी। एक टेलीविजन चैनल को दिए गए इंटरव्यू में ललित मोदी ने स्वीकारा कि ब्रिटेन में उनके प्रवास की व्यवस्था वसुंधरा के निजी प्रयासों से हो पायी थी। बेहद महत्वपूर्ण बात यह भी है कि वसुंधरा ने वर्ष 2011 में ललित मोदी को एक इज्जतदार नागरिक बताते हुए उनकी इमीग्रेशन वाली अर्जी पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का जो सिफारिशी पत्र ब्रिटिश सरकार को लिखा था, उसमें भारतीय अधिकारियों से अपनी पहचान छुपाकर रखने का आग्रह भी किया था।

वसुंधरा और ललित मोदी के जुड़ाव के और भी तथ्य मौजूद हैं हालांकि उनकी पुष्टि होनी बाकी है जैसे यह कि ललित मोदी ने वसुंधरा के बेटे दुष्यंत सिंह की कंपनी में करीब 12 करोड़ रुपए लगाए। साथ ही पुर्तगाल के जिस अस्पताल में मोदी की पत्नी का इलाज हुआ उसे वसुंधरा ने सीएम पद संभालते ही जयपुर में शाखा खोलने के लिए प्राइम लोकेशन पर 35 हजार वर्गमीटर जमीन यूं ही दे दी। इसके पीछे दावा किया गया कि इससे राज्य में कैंसर पीड़ितों को विश्वस्तरीय सुविधाओं वाले एक अस्पताल की सेवाएं मिल सकेंगी।

वैसे भी ललित मोदी और वसुंधरा राजे के रिश्ते पीढ़ियों पुराने हैं। ललित की दादी और वसुंधरा की मां विजयाराजे सिंधिया दोनों आनंदमयी मां की भक्त थीं। यहीं से दोनों परिवारों का परिचय हुआ। उसके बाद ललित की मां बीना और वसुंधरा भी काफी करीब रहीं। वर्ष 2003 में वसुंधरा के सीएम बनने पर ललित दोनों हाथों से लड्डू बटोरने लगे। वसुंधरा सरकार ने एक आर्डिनेंस जारी कर ललित के लिए बीसीसीआई का रास्ता खोला। यह रास्ता था राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के जरिए। आर्डिनेंस के जरिए कई सदस्यों के वोटिंग अधिकार छीने गए, जिससे ललित को जीतने में मदद मिली। इसी बीच ललित मोदी ने आईपीएल के जरिए अपना कद खासा बड़ा कर लिया। हालांकि वक्त ने करवट और वर्ष 2008 में वसुंधरा चुनाव हार गईं और मोदी पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगने लगे। तब वसुंधरा भी उनकी मदद की स्थिति में नहीं थीं। यही वह दौर था जब दोनों के बीच रिश्तों ने उतार-चढ़ाव देखा। वर्ष 2013 में वसुंधरा सत्ता में लौटी तो कहा गया कि ललित के साथ उनके संबंध पहले जैसे नहीं रह गए थे। मोदी ने भी वसुंधरा पर गलत लोगों से घिरे रहने का आरोप लगाया।

इन खुलासों के बाद निश्चित ही भाजपा बैकफुट पर है और पार्टी वसुंधरा का साथ देती भी नजर नहीं आ रही। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस मसले पर सुषमा स्वराज का तो साफ तौर पर बचाव किया लेकिन वसुंधरा के बारे में पूछने पर कहा कि सभी सवालों का जवाब वह खुद देंगी। वैसे पीएम नरेंद्र मोदी ने भी अपने सभी कैबैनिट सहयोगियों से सुषमा का बचाव करने को कहा है। ऐसे में कहीं न कहीं वसुंधरा अलग-थलग पड़ गई हैं। कुछ भी हो मोदी सरकार के लिए यह मामला लिटमस टेस्ट जैसा है। वसुंधरा के इस्तीफे या ललित मोदी के खिलाफ तेज कार्रवाई करने जैसे ठोस फैसलों से ही विरोधी पार्टियों के मुंह बंद हो सकेंगे।

उत्तर प्रदेश

कन्नौज में बोले सीएम योगी- उत्तर प्रदेश की 80 में से 80 सीटों पर कमल का फूल खिलाएंगे

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कन्नौज। देश में तीन चरणों के मतदान संपन्न हो चुके हैं। चौथे चरण में सोमवार को वोट डाले जाएंगे। इसके लिए सभी पार्टियां जी जान से चुनाव प्रचार में लगी हुई हैं। इस बीच यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कन्नौज में एक जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पूरे देश और इस राज्य की जनता ने अपना मन बना लिया है। हम उत्तर प्रदेश की 80 में से 80 सीटों पर कमल का फूल खिलाएंगे और उसकी माला बनाकर माननीय प्रधानमंत्री के गले में पहनाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने देश में 400 से भी ऊपर सीटें जीतने का दावा किया।

उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए आगे कहा कि ये नया भारत केवल बोलता ही नहीं है करके दिखाता है। भाजपा ने कहा था कि रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे। तब समाजवादी पार्टी के लोग रामभक्तों पर गोलियां चलाते थे। बोलते थे परिंदा भी पर नहीं मार सकता लेकिन हमने आज मंदिर वहीं बनाकर दिखाया है। 500 सालों बाद इस वर्ष पहली बार प्रभु श्री राम ने अयोध्या की इस पावन धरती पर होली भी खेली और अपना जन्मदिन भी मनाया है। पहली बार भगवान राम का सूर्य तिलक भी हुआ है। ये अद्भुत घटनाएं भारत में कभी-कभी होती है और हम सौभाग्यशाली है जो इन घटनाओं को अपनी आंखों के सामने होते हुए देख रहे हैं।

उन्होंने कहा कि वे कन्नौज से चुनाव इसलिए लड़ रहे हैं कि इंडी गठबंधन को यहां प्रत्याशी नहीं मिल रहा था। सपा अध्यक्ष कह रहे हैं कि सेवा करना चाहता हूं। जब मौका था, तब कन्नौज के इत्र में बदबू फैलाने का काम कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने अखिलेश से कन्नौज के लड़ने का कारण बताया। सीएम योगी ने कहा, उम्मीदवार ढूंढे नहीं मिल रहे थे, तो उन्होंने खुद दांव आजमा लिया। पहले को टिकट दिया, फिर उसका टिकट काट दिया, दूसरे को दिया तो वह मैदान छोड़कर भाग गया। तीसरे की घोषणा की तो वह मना कर दिया। जब कोई नहीं मिला तो खुद लड़ने चले आए।

योगी ने कहा, जब मौका मिला तब बदबू फैला रहे थे। हर दूसरे दिन यूपी में दंगा कराते थे। इनके शासन में बेटियों-व्यापारियों की सुरक्षा से खिलवाड़ होता था। गरीबों के हकों पर डकैती पड़ती थी। मुख्यमंत्री आवास बुलाकर दंगाइयों का महिमामंडन करते थे, लेकिन अब नए भारत का नया उप्र दंगाइयों व कर्फ्यू लगाने वालों से कैसे निपटता है, यह आप भी देख रहे होंगे। सीएम योगी ने कहा कि नए भारत में सुरक्षा, गरीब कल्याण, विकास, विरासत और आस्था का सम्मान है। सपा रामभक्तों पर गोली चलाती थी, आतंकियों के मुकदमे वापस लेती थी और भाजपा राम मंदिर बनवाती है। आपने वोट देकर भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली व लखनऊ सरकार को चुना है, इसलिए आपके योगदान की बदौलत अयोध्या में 500 वर्ष के बाद भव्य राम मंदिर का निर्माण हुआ है।

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