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पिता दे रहे थे पहाड़ पर चढऩे की ट्रेनिंग, सातवीं मंजिल से गिरने से गई बेटी की जान
जयपुर। जयपुर में एक गल्र्स कॉलेज में पहाड़ पर चढऩे की ट्रेनिंग कैम्प के दौरान दिल दहलाने वाला हादसा हुआ। कॉलेज बिल्डिंग की सातवीं मंजिल से अचानक छात्रा जमीन पर गिरी जिससे उसकी मौत हो गई। छात्रा के पिता ही इस कैम्प में रोप क्लाइम्बिंग की ट्रेनिंग दे रहे थे। इसी दौरान वह छत से गिर गई। कुछ लोगों ने इस घटना का वीडियो भी शूट किया।
इस हादसे में ट्रेनिंग के दौरान सुरक्षा मापदंडों की घोर अनदेखी का मामला सामने आया। आईसीसी कॉलेज में ही चल रहें माउंटेनियर कैम्प में पहाड़ पर चढने की ट्रेनिंग ले रही छात्रा बैलेंस खराब होने से सातवीं मंजिल से नीचे आ गिरी जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। छात्रा का नाम अदिती सांघी है। जिस समय हादसा हुआ उस समय उसके पिता सुनील सांघी भी कॉलेज में मौजूद थे।
कहा जा रहा है कि पिता उसे ट्रेनिंग भी दे रहे थे। छात्रा कॉलेज की बिल्डिंग पर रस्सी के सहारे चढ़ रही थी। जैसे ही वह छठी मंजिल को पार करते हुए सातवीं मंजिल की ओर बढ़ी कि अचानक उसका हाथ फिसल गया और वो सीधे जमीन पर आ गिरी।
यह छात्रा गोता खाते हुए गिरी। उसने बचने के लिए रस्सी पकडऩे की कोशिश भी की लेकिन नाकाम रही। अदिति को अस्पताल ले जाया गया लेकिन तब तक उसकी मौत हो गई।
कुलसचिव डा. राखी गुप्ता ने बताया कि अदिति खुद एक ट्रेंड इंस्ट्रक्टर थी। वह भी अपने पिता की तरह स्टूडेंट्स को रोप क्लाइम्बिंग की ट्रेनिंग देती थी।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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