अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान : 2018 के चुनाव में नवाज के भाई होंगे प्रधानमंत्री उम्मीदवार
इस्लामाबाद, 21 दिसंबर (आईएएनएस)| पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के अध्यक्ष नवाज शरीफ ने अगले संसदीय चुनाव में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में अपने भाई और पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ को नामित किया है। शरीफ ने बुधवार रात अपने आवास पर पीएमएल-एन नेताओं के साथ एक बैठक के बाद इस फैसले की घोषणा की।
पाकिस्तानी मीडिया ने बैठक में उपस्थित पार्टी नेताओं का हवाला देते हुए कहा कि नवाज शरीफ ने ‘कड़ी मेहनत की प्रवृत्ति और जनसेवा के प्रति समर्पण’ के लिए शहबाज शरीफ की प्रशंसा की।
नवाज ने कहा, शहबाज ने हमेशा जनता के कल्याण के साथ पार्टी की नीतियों को आगे बढ़ाने के लिए काम किया है और इस रुख के कारण ही उन पर इस उच्च पद के लिए भरोसा दिखाया गया है।
उन्होंने कहा, हम एक लोकतांत्रिक राजनीतिक दल हैं, जहां हर कोई अपने मन की आवाज उठाने के लिए स्वतंत्र है। शहबाज के साथ कुछ मुद्दों पर वैचारिक मतभेद हैं, फिर भी पार्टी के प्रति उनकी प्रतिबद्धता जगजाहिर है, यही वजह है कि उन्होंने कभी भी पार्टी अनुशासन का उल्लंघन नहीं किया।
भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण पद त्यागने वाले पूर्व प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री के रूप में शहबाज शरीफ की दृष्टि की सराहना करते हुए कहा, शहबाज शरीफ ने मुझे कभी निराश नहीं किया है।
यह घोषणा दोनों भाइयों के बीच एक ‘युद्धविराम’ साबित हो सकती है। हाल के दिनों में इनके बीच संबंध तनाव भरे रहे थे।
दरअसल, नवाज शरीफ को अयोग्य ठहराए जाने के बाद उनके द्वारा शहबाज शरीफ को पार्टी प्रमुख के रूप में नामित न करने के फैसले को कुछ लोगों ने दोनों के बीच दरार और अविश्वास का नतीजा करार दिया था।
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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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