Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान में 7 तालिबान आतंकवादी गिरफ्तार

Published

on

Loading

इस्लामाबाद| पाकिस्तान के कराची शहर में तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) के सात आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया है। समाचार-पत्र ‘डॉन’ की रपट के मुताबिक, इन आतंकवादियों को शहर के मारीपुर क्षेत्र से शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया।

पुलिस अधिकारियों ने कहा कि तालिबान के कमांडर हाजी शेर मोहम्मद को उसके छह सहयोगियों के साथ मारीपुर से गिरफ्तार किया गया है।

रपट के मुताबिक, शेर मोहम्मद के टीटीपी प्रमुख उमर खालिद खुरासानी के साथ नजदीकी संबंध थे और वह उनके निर्देश पर अपने सहयोगियों के साथ मिलकर शहर में आतंकी हमले की साजिश कर रहा था।

अधिकारी ने बताया, “ये आतंकवादी टीटीपी के लिए कारोबारी समुदाय से पैसे की जबरन वसूली में भी शामिल हैं।”

इनके कब्जे से बड़ी मात्रा में हथियार और गोला बारूदों को जब्त किया गया है।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

Published

on

Loading

नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

Continue Reading

Trending