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अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान : भूकंप से विश्व धरोहर स्थलों में दरारें

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान में पिछले सप्ताह आए 7.5 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप से देश में वैश्विक धरोहर की इमारतों में दरारें हो गई हैं। ‘डॉन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, 26 अक्टूबर को आए भूकंप के बाद खबर पख्तूनख्वा प्रांत के मरदान स्थित पुरातात्विक स्थल ‘तख्त-ए-बही’ और हरिपुर जिले में स्थित प्राचीन बौद्ध मठ जुलियन के भग्नावशेष में दरारें आ गई हैं।

खबर पख्तूनख्वा के पुरातत्व और संग्रहालय निदेशक अब्दुल समद ने बताया, “भूकंप से स्थलों और कलाकृतियों को काफी नुकसान पहुंचा है। आकलन के बाद हम इसकी पूरी रिपोर्ट बनाएंगे।” समद के मुताबिक, “तख्त-ए-बही’ में एक दीवार ढह गई और ढांचे में दरारें स्पष्ट दिखाई दे रही हैं।” समद ने कहा कि विश्व धरोहर स्थलों की संभावित सूची में शामिल शामिल बौद्धिक स्थल ‘जमाल गढ़ी’ को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।

पुरातत्व विभाग की प्रारंभिक रिपोर्ट दिखाते हुए समद ने कहा कि भूकंप के बाद हुए नुकसान के आकलन के लिए टीमों को स्थलों पर भेजा गया है। इस बात की ओर इशारा करते हुए कि पाकिस्तान में पुरातत्व पर कितना कम खर्च किया जाता है, समद ने कहा, “भारी क्षति हुई है और सरकार भी अकेले अपने दम पर इन्हें बचाने में सक्षम नहीं है।”

समद ने कहा, “भूकंप के कारण ऐतिहासिक पेशावर संग्रहालय में एक दीर्घा प्रभावित हुई है।” सम्पन्न पुरातत्व स्थलों और कलाकृतियों के होते हुए भी खबर पख्तूनख्वा प्रांत में कोई भी संग्रहालय या दीर्घा भूकंपरोधी नहीं है।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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