अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान की दरगाह में 20 लोगों की हत्या
इस्लामाबाद | पाकिस्तान के सरगोढ़ा शहर में रविवार सुबह एक दरगाह के संरक्षक ने ही करीब 20 लोगों की हत्या कर दी। इस घटना में तीन अन्य घायल हो गए। सरगोढ़ा के उपायुक्त लियाकत अली चट्टा के अनुसार, संरक्षक अब्दुल वहीद ने अली अहमद गुज्जर की दरगाह में अपने अनुयायियों को चाकुओं से गोदकर और डंडों से पीट-पीट कर मार डाला। इससे पहले उसने उन्हें बेहोशी की दवा दी थी। माना जा रहा है कि अब्दुल वहीद मानसिक रूप से विक्षिप्त है।
‘जियो टीवी’ की रिपोर्ट के अनुसार, मरने वाले पंजाब के विभिन्न क्षेत्रों के रहने वाले थे। पुलिस ने वहीद को उसके पांच सहयोगियों के साथ गिरफ्तार कर लिया है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपियों ने लोगों को निर्वस्त्र करने के बाद उनकी निर्दयतापूर्वक हत्या कर दी। घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
अधिकारी ने बताया कि इस अपराध के पीछे का कारण फिलहाल पता नहीं चल पाया है, लेकिन लोगों ने बताया कि संदिग्ध अपने अनुयायियों के साथ ‘मजहबी सत्र’ के लिए क्षेत्र का दौरा करते थे। पंजाब के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ ने घटना की जांच रिपोर्ट मांगी है।
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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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