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अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान : कारखाना ढहने की घटना में मृतकों की संख्या 24 हुई

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इस्लामाबाद| पाकिस्तान के पूर्वी शहर लाहौर में इस सप्ताह के प्रारंभ में एक कारखाना ढह जाने की घटना में मृतकों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है। ‘द नेशन’ की रपट के मुताबिक, देश के पूर्वी प्रांत पंजाब की राजधानी लाहौर के सुंदर औद्योगिक केंद्र में स्थित कारखाने की चौथी मंजिल पर निर्माण कार्य चल रहा था। इसी दौरान बुधवार को इमारत ढह गई, और मलबे में 150 मजदूर दब गए।

अधिकारियों को उम्मीद है कि ‘खोज और बचाव अभियान’ में एक-दो दिन ओर लगेंगे।

बचावकर्मियों ने कंक्रीट स्लैब्स छेदकर और इस्पात की पाइपों को काटकर पीड़ितों को निकालने के लिए रास्ते बनाए हैं।

उल्लेखनीय है कि 110 से अधिक घायल मजदूरों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर है।

स्थानीय मीडिया रपट के मुताबिक, घटना के समय लगभग 150 लोग पॉलिथीन बैग बनाने के कारखाने में काम कर रहे थे।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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