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‘परीक्षा में विफलता को सकारात्मक रूप में लें विद्यार्थी’

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नई दिल्ली, 29 मई (आईएएनएस)| केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 12वीं की परीक्षा में इस बार कुल 82 प्रतिशत विद्यार्थी पास हुए हैं, यानी 18 प्रतिशत विद्यार्थी फेल। पास विद्यार्थियों में कुछ के अंक अच्छे और कुछ के बुरे भी हैं। लेकिन सबसे बुरी हालत उन 18 प्रतिशत की है, जो अगली कक्षा में जाने की चौकठ नहीं लांघ पाए हैं। सवाल यह उठता है कि क्या इन विद्यार्थियों के लिए चौकठ के ऊपर खड़े सारे दरवाजे बंद हो चुके हैं? या फिर इन्हें और इनके परिजनों को निराशा में डूब जाना चाहिए?

हो न हो, परीक्षा में विफलता की पीड़ा असह्य होती है। कई विद्यार्थी बर्दाश्त नहीं कर पाते और अपनी जान तक गंवा बैठते हैं। इस बार भी इस तरह की एक घटना नवी मुंबई में घटी है।

मनोविज्ञानी डॉ. समीर पारिख ऐसे असफल विद्यार्थियों को जिंदगी की किसी एक असफलता को अस्वीकारने और उसे सकारात्मक रूप में लेने का सुझाव देते हैं।

डॉ. पारिख ने आईएएनएस से कहा, परीक्षा में फेल विद्यार्थियों को हताश नहीं होना चाहिए। परीक्षा को एक अनुभव के रूप में लेना चाहिए, यह कि आपने जो पढ़ा, उससे क्या सीखा, उसमें कहां कमी रह गई, किन बदलावों की जरूरत है। सीनियर्स से बात करें, शिक्षकों से बात करें, और पढ़ाई के तरीके में बदलाव लाएं और अगली बार की तैयारी शुरू कर दें।

उन्होंने कहा, रोजमर्रा की तरह जीएं। ज्यादा परेशानी हो तो किसी काउंसलर से बात करें, चुप न बैठें, अकेले ना बैठे, यह जिंदगी का हिस्सा है, जिसे हम सफलता में बदल सकते हैं।

डॉ. पारिख की बात अपनी जगह सही भी लगती है, क्योंकि देश-दुनिया में कई ऐसी हस्तियां हुई हैं, जो स्कूली शिक्षा में फेल हुई हैं, लेकिन उन्होंने दुनिया के इतिहास और भूगोल को बदलने का करिश्मा कर दिखाया है।

महात्मा गांधी और अलबर्ट आइंस्टीन ऐसे ही दो नाम हैं। महात्मा गांधी को हाईस्कूल की परीक्षा में 40 प्रतिशत अंक मिले थे, यानी फेल। इसी तरह आइंस्टीन भी स्कूली शिक्षा के दौरान कई विषयों में फेल हो गए थे। लेकिन इन दोनों हस्तियों ने क्या कुछ कर दिखाया, इसका जिक्र यहां करने की जरूरत नहीं है।

आज के जमाने में भी कई ऐसे लोग हैं, जो किसी परीक्षा में फेल हुए हैं, लेकिन उन्होंने उस विफलता से सीखा और जिंदगी को एक नई दिशा दे डाली।

राष्ट्रीय राजधानी में एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में कार्यरत एक युवती के साथ ऐसा ही हुआ है। उन्होंने अपना नाम न जाहिर न करने के अनुरोध के साथ कहा, परीक्षा में पास-फेल होना मायने नहीं रखता। कभी-कभी गलत विषय चुनने से भी ऐसा होता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि विद्यार्थी नाकाबिल है। मैंने भी 10वीं में गलत विषय चुन लिया था, फेल हो गई। लेकिन आज मैं जिंदगी में पास हूं।

उन्होंने कहा, मुझे पता ही नहीं था कि मेरी रुचि किस विषय में है और मैं क्या कर सकती हूं। परिजनों के कहने पर विज्ञान ले लिया, मेरी समझ से बाहर था। अगले वर्ष बिना स्कूल गए मैंने आर्ट्स विषय में परीक्षा दी और 78 प्रतिशत अंक हासिल किए। विफलता खुद को सुधारने का मौका देती है।

लेकिन 12वीं की परीक्षा में फेल होने पर नवी मुंबई के एक विद्यार्थी ने रविवार को फांसी लगा ली। पृथ्वी वावहाल (18) सानपाड़ा स्थित रायन इंटरनेशन स्कूल का विद्यार्थी था, और रविवार को परीक्षा में फेल होने के बाद उसने अपराह्न् दो बजे घर में फांसी लगा ली। पृथ्वी की मां स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं, जबकि उसके पिता कारोबारी हैं।

यही नहीं, इसके पहले मध्यप्रदेश बोर्ड की 12वीं की परीक्षा में फेल होने पर 12 विद्यार्थियों ने 13 मई को आत्महत्या कर ली थी।

डॉ. पारिख कहते हैं, जीवन में 70-80 साल की उम्र तक एक व्यक्ति को तमाम परीक्षाएं देनी पड़ती हैं। इसलिए सिर्फ एक परीक्षा का अपने ऊपर इतना असर नहीं होने देना चााहिए, जो कि जीवन के लिए घातक बन जाए।

डॉ. पारिख ने कहा, कई लोगों के जीवन में अलग-अलग किस्म के कई ऐसे परिणाम आए हैं, जिनकी उन्हें उम्मीद नहीं रही है। चाहे कॉलेज के परिणाम हों, वेतन वृद्धि का मामला हो, किसी स्टोरी में गलती का मुद्दा हो, या अपने साथ कोई बुरी घटना। कोई भी शख्स जीवन भर ये सारी परीक्षाएं पास नहीं कर सकता।

गुड़गांव के एमएमपीस स्कूल की प्राचार्या मधु खंडेलवाल कहती हैं, अंक ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं होते। फेल होने के मामले में कहीं न कहीं माता-पिता की भी जिम्मेदारी है। फेल का मतलब असफल होना नहीं होता, यह टैग तो हम लगा देते हैं। विफलता खुद को सुधारने का अवसर देती।

उन्होंने आईएएनएस से कहा, परिणाम से बहुत बच्चे तनाव में चले जाते हैं और कई परिजनों का दवाब होता है कि मेरे बच्चे को 90 प्रतिशत ही लाना है। यह ठीक नहीं है।

गुणगांव के एक सरकारी स्कूल के सेवानिवृत्त प्राचार्य ओम प्रकाश शेरावत बच्चों की विफलता के लिए शिक्षा के स्तर में गिरावट को जिम्मेदार ठहराते हैं।

उन्होंने आईएएनएस से कहा, पढ़ाई का स्टैंडर्ड दिन-प्रतिदिन नीचे जा रहा है। पहले बच्चों को ट्यूशन की आवश्यकता नहीं होती थी, लेकिन अब अच्छे शिक्षकों की नियुक्ति के अभाव में ऐसा हो रहा है। खासतौर से सरकारी स्कूलों के अध्यापकों को अब परीक्षा परिणाम का डर नहीं है, जिसके कारण वे मेहनत भी नहीं करते, और खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ता है।

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नेशनल

केजरीवाल ने किया 10 गारंटियों का एलान- 24 घंटे मुफ्त बिजली, सभी बच्चों को मुफ्त शिक्षा का वादा

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नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दस गारंटियों का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी की वजह से गारंटियों के ऐलान में थोड़ी देरी हुई है। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन के साथियों के साथ इन गारंटियों पर चर्चा नहीं हुई है लेकिन जिस किस्म की गारंटी हम दे रहे हैं, उससे किसी को कोई परेशानी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि इन दस गारंटियों पर युद्ध स्तर पर काम किया जाएगा।

गारंटी नंबर एक- 24 घंटे मुफ्त बिजली

सीएम केजरीवाल ने कहा, “देश के अंदर 24 घंटे बिजली का इंतजाम. देश की पीक डिमांड 2 लाख मेगावॉट की है. हमारे पास 3 लाख मेगावॉट पैदा करने की क्षमता है, लेकिन मैनेजमेंट खराब होने के चलते पावर कट होता है. आप की सरकार बनने पर देश के करीबों को फ्री बिजली दी जाएगी. एक साल में सवा लाख करोड़ का खर्च आएगा, जो सरकार देगी. गरीबों को 200 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाएगी.

गारंटी नंबर दो- सभी बच्चों को मुफ्त शिक्षा

दूसरी गारंटी देते हुए सीएम केजरीवाल ने कहा कि देश भर में हर बच्चे को मुफ्त शिक्षा दी जाएगी. सरकारी स्कूलों का स्तर ऊंचा किया जाएगा. देश के सभी सरकारी स्कूल को शानदार बनाएंगे. इस काम को करने के लिए 5 लाख करोड़ रुपये लगेंगे. हर साल 50 हजार करोड़ का खर्चा आएगा. आधा केंद्र और आधा राज्य सरकार उठाएगी.

गारंटी नंबर तीन- मुफ्त विश्वस्तरीय इलाज

अरविंद केजरीवाल ने कहा, “देश भर में मोहल्ला क्लीनिक खोले जाएंगे. इसमें गरीब और अमीर दोनों का इलाज मुफ्त होगा. इलाज की क्वॉलिटी विश्व स्तर होगी. इसमें जितना भी खर्चा आए, सरकार उठाएगी.”

गारंटी नंबर चार- राष्ट्र सुरक्षा

चीन ने हमारे देश की जमीन पर कब्जा कर लिया है लेकिन केंद्र सरकार यह बात छुपाना चाहती है. हमारी सेना में बहुत ताकत है. भारत की जितनी जमीन पर चीन का कब्जा है, उसे छुड़वाया जाएगा. एक ओर डिप्लोमैटिक स्तर पर भी काम होगा और सेना को पूरी स्वतंत्रता दी जाएगी.

गारंटी नंबर पांच- अग्निवीर योजना को बंद करेंगे

अग्निवीर योजना हमारे युवाओं को चार साल बाद निकाल देती है. ऐसे में हम सेना को कमजोर कर रहे हैं. इसलिए ये योजना बंद की जाएगी. अभी तक जो बच्चे शामिल हुए हैं, उन्हें पक्का किया जाएगा.

गारंटी नंबर छ:- किसानों की फसलों के दाम सुनिश्चित किए जाएंगे

सीएम केजरीवाल का दावा है कि जनता उन्हें चुन कर केंद्र में लाती है तो आम आदमी पार्टी स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करेगी और उसके अनुसार, किसानों को एमएसपी का मूल्य दिया जाएगा. किसानों को इससे फायदा होगा.

गारंटी नंबर सात- दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दावा किया है कि केंद्र सरकार बनने पर वह दिल्ली के पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाएंगे.

गारंटी नंबर आठ- बेरोजगारी मिटाना

एक साल में दो करोड़ रोजगार का इंतजाम किया जाएगा. सभी युवाओं को सरकारी नौकरी के लिए तैयार किया जाएगा. वैकेंसी निकलेगी और निष्पक्ष रूप से परीक्षाएं कराई जाएंगी.

गारंटी नंबर नौ- भ्रष्टाचार मिटाना

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, “बीजेपी की वॉशिंग मशीन को चौराहे पर खड़ा कर के तोड़ा जाएगा. ईमानदारों को जेल भेजना और भ्रष्टाचारियों को बचाने वाली मौजूद योजना को खत्म किया जाएगा. पूरे देश को भ्रष्टाचार से निजाद दिलाई जाएगी.”

गारंटी नंबर दस- व्यापार बढ़ाया जाएगा

अरविंद केजरीवाल का दावा है, “देश के व्यापारियों की मदद इंडिया की सरकार करेगी. हमारे देश के कई बड़े व्यापारी अपने व्यापार बंद कर के विदेश जा चुके हैं, इससे देश को नुकसान हो रहा है. जीएसटी को पीएमएलए से बाहर किया जाएगा और इसका सरलीकरण किया जाएगा. देश में जो सही तरह से व्यापार करना चाहे, वो कर सकता है, इसे ज्यादा जटिल नहीं किया जाएगा. इंडिया गंठबंधन की सरकार का प्लान व्यापार में चीन को पीछे छोड़ना है.”

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