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पत्रकारों पर हमले को राजनीतिक रंग न दें : ममता बनर्जी

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कोलकाता, 24 मई (आईएएनएस)| पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि पत्रकारों के साथ पुलिस द्वारा सख्ती बरते जाने के मामले को राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए। पश्चिम बंगाल में एक राजनीतिक समारोह के दौरान पुलिस द्वारा पत्रकारों की पिटाई करने के विरोध में पत्रकारों ने एक दिन पहले विरोध-प्रदर्शन किया।

ममता से जब पूछा गया कि क्या पत्रकारों की पिटाई करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, तो उन्होंने कहा, मैं इस सवाल का जवाब नहीं दूंगी।

कोलकाता में सोमवार को वाम धड़े के 11 कृषक संगठनों ने सचिवालय तक रैली ‘मार्च टू नबन्ना’ का आयोजन किया था, जिसे कवर करने आए पत्रकारों की मौजूद पुलिस अधिकारियों ने पिटाई की।

बंगाल के एक समाचार पत्र का संदर्भ देते हुए ममता ने तीखे तेवर के साथ कहा, पहले अपने पत्रकारों से सही बर्ताव करने के लिए कहिए। उन्हें कहिए कि वे राजनीति न करें।

पुलिस ने जहां दावा किया है कि सिर्फ तीन पत्रकार घायल हुए हैं, वहीं रैली में मौजूद पत्रकारों का कहना है कि 20 पत्रकारों को पीटा गया। घटना के बाद कुछ पत्रकारों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा।

बड़ी संख्या में पत्रकारों ने मंगलवार को विरोध-प्रदर्शन में हिस्सा लिया। शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते हुए पत्रकारों ने रवींद्रसदन से लालबाजार स्थित पुलिस मुख्यालय तक मार्च किया।

पत्रकारों ने राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी को इस संबंध में एक ज्ञापन भी सौंपा और पत्रकारों पर इस तरह के हमले रोकने के लिए हस्तक्षेप की मांग की।

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नेशनल

कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा- आप गलती मानते हैं, बोले- सवाल ही उठता, मेरे पास बेगुनाही के सारे सबूत

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नई दिल्ली। महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें उनके खिलाफ तय किए आरोप पढ़कर सुनाए। इसके बाद कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा कि आप अपने ऊपर लगाए गए आरोप स्वीकार करते हैं? इस पर बृजभूषण ने कहा कि गलती की ही नहीं मानने का सवाल ही नहीं उठता। इस दौरान कुश्ती संघ के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर ने भी स्वयं को बेकसूर बताया। तोमर ने कहा कि हमनें कभी भी किसी पहलवान को घर पर बुलाकर न तो डांटा है और न ही धमकाया है। सभी आरोप झूठे हैं।

मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या आरोपों के कारण उन्हें चुनावी टिकट की कीमत चुकानी पड़ी, इस पर बृजभूषण सिंह ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेरे बेटे को टिकट मिला है।” बता दें कि उत्तर प्रदेश से छह बार सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। पार्टी उनकी बजाय, उनके बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज सीट से टिकट दिया है, जिसका बृजभूषण तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

बृजभूषण सिंह ने सीसीटीवी रिकाॅर्ड और दस्तावेजों से जुड़े अन्य विवरण मांगने के लिए बृजभूषण सिंह ने आवेदन दायर किया है। उनके वकील ने कहा कि उनके दौरे आधिकारिक थे। मैं विदेश में उसी होटल में कभी नहीं ठहरा जहां खिलाड़ी स्टे करते थे। वहीं दिल्ली कार्यालय की घटनाओं के दौरान भी मैं दिल्ली में नहीं था। बता दें कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एमपी-एमएलए मामलों में लंबी तारीखें नहीं दी जाएं। हम 10 दिन से अधिक की तारीख नहीं दे सकते।

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