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पटना में बम विस्फोट, 2 जिन्दा बम बरामद

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पटना| बिहार में राजधानी पटना के अगमकुआं थाना क्षेत्र के बहादुरपुर कॉलोनी के एक फ्लैट में सोमवार रात एक टाइमर बम फट गया। इस विस्फोट में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। पुलिस ने घटनास्थल से दो जिन्दा बम भी बरामद किए हैं, जिसे बाद में निष्क्रिय कर दिया गया। पुलिस के अनुसार, भूतनाथ रोड के सेक्टर तीन के ब्लॉक 12 स्थित एक फ्लैट में हुए बम विस्फोट के बाद पुलिस ने घटनास्थल से दो बम भी बरामद किए हैं, जिन्हें रात में निष्क्रिय कर दिया गया।

पटना के पुलिस उप महानिरीक्षक उपेन्द्र कुमार सिन्हा ने मंगलवार को बताया, “फ्लैट में एक बम फटा, जबकि दो जिन्दा बम बरामद किए गए हैं। दोनों बमों को निष्क्रिय कर दिया गया है। जिस फ्लैट में विस्फोट हुआ है, उसके मालिक की धरपकड़ के लिए छापेमारी की जा रही है।”

उन्होंने बताया कि इस विस्फोट में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।

पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक, बम में जो घड़ी लगी थी वह लोटस कंपनी की है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस मामले की जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीम के मंगलवार को पटना पहुंचने की संभावना है।

गौरतलब है कि इसी कंपनी की घड़ी का इस्तेमाल पटना में वर्ष 2013 में गांधी मैदान और बोधगया में हुए विस्फोट में किया गया था।

 

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गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

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अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

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