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पंजाब में किसान आत्महत्या के मुद्दे पर समिति का गठन
चंडीगढ़, 7 जुलाई (आईएएनएस)| पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष राणा के.पी. सिंह ने शुक्रवार को किसानों की आत्महत्याओं के मामलों की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन किया जो इस मुद्दे पर एक रिपोर्ट तैयार करेगी। कांग्रेस विधायक सुखविंदर सिंह सरकारिया इस समिति के प्रमुख होंगे तथा इसके सदस्यों में नाथू राम, कुलजीत सिंह नागरा, नजर सिंह मनशाहिया और हरिंदरपाल सिंह चंदूमाजरा शामिल होंगे।
विधानसभा के प्रवक्ता ने यहां कहा, मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह द्वारा 19 जून को विधानसभा में किए गए संकल्प के अनुपालन में इस समिति का गठन किया गया है।
यह समिति हाल में आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों से मिलकर इसके पीछे के कारणों की जांच करेगी।
प्रवक्ता ने कहा कि समिति किस तरह से ऐसे आत्महत्या के मामलों को रोका जाए, इस बारे में एक समग्र रिपोर्ट तैयार करेगी।
प्रवक्ता ने कहा, समिति कृषि में लगे लोगों के आर्थिक संकट के कारणों की जांच करेगी और उन्हें संकट के निकालने के तरीके सुझाएगी।
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने हाल में बताया था कि प्रदेश में हाल के सालों में 7,000 किसानों ने कर्ज के बोझ के कारण आत्महत्या की है।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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