मुख्य समाचार
नोएडा प्राधिकरण के मुख्य इंजीनियर यादव सिंह निलंबित
लखनऊ| उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के आदेश पर सोमवार को नोएडा प्राधिकरण के मुख्य इंजीनियर यादव सिंह को निलंबित कर दिया गया। साथ ही उनके खिलाफ विभागीय जांच के भी आदेश जारी कर दिए गए हैं।
यादव सिंह को सोमवार को निलंबित करने का आदेश सूबे के औद्योगिक विकास आयुक्त की ओर से नोएडा प्राधिकरण के मुखिया को प्रेषित कर दिया गया। प्राधिकरण के मुखिया रमा रमण निलंबन आदेश जारी करेंगे।
ज्ञात हो कि आयकर विभाग की छापेमारी में पता चला है कि नोएडा विकास प्राधिकरण के मुख्य अभियंता यादव सिंह अकूत संपत्ति के मालिक हैं। यह संपत्ति एक हजार करोड़ रुपये से भी अधिक होने की संभावना जताई गई है।
उल्लेखनीय है कि करोड़ों रुपये के घोटाले के आरोपी यादव सिंह पर आयकर विभाग के शिकंजा कसने के बाद सर्वोच्च न्यायालय की विशेष जांच टीम (एसआइटी) ने जब सख्त रुख अख्तियार किया तब अखिलेश यादव भी हरकत में आए।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को ही सख्त तेवर दिखा दिए थे। अखिलेश ने कहा था कि प्रदेश सरकार की छवि को नुकसान पहुंचा रहे दागदार अधिकारियों को प्राधिकरण में नहीं रहने दिया जाएगा। आज उन्होंने अपनी बात पर मुहर लगा दी। यादव सिंह के खिलाफ अब विभागीय जांच के साथ ही सतर्कता जांच भी होगी।
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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