हेल्थ
नारियल का दूध मां के दूध जैसा फायदेमंद
कोच्चि। नारियल का दूध, मां के दूध के बाद सर्वाधिक फायदेमंद पेय के रूप में अपना महत्व साबित कर चुका है और नारियल विकास बोर्ड (सीडीबी) ने नारियल के दूध का स्वास्थ्यवर्धक पेय के रूप में प्रचार करने की तैयारी कर ली है। नारियल के दूध को खाना पकाने में भी इस्तेमाल किया जाता है।
सीडीबी के अध्यक्ष टी. के. जोस ने बताया कि एक प्रसिद्ध अमेरिकी पोषण विशेषज्ञ जोश एक्स ने अपने शोध में पाया कि, पशुओं के दूध में लैक्टोज पाया जाता है, जो एक प्रकार का शर्करा है, जिसे पचा पाना मुश्किल होता है, जबकि नारियल के दूध में लैक्टोज नहीं पाया जाता। जोस ने कहा, “जोश एक्स के अनुसार मलेशिया, थाईलैंड, श्रीलंका और वियतनाम जैसे देशों में शिशु को मां का दूध न मिल पाने की स्थिति में गाय के दूध की जगह नारियल के दूध का इस्तेमाल अधिक होता है।”
सीडीबी अब नारियल के दूध को प्राकृतिक स्वास्थ्य पेय के रूप में पेश करने वाला है। पके हुए नारियल के गूदे से नारियल का दूध बनाया जाता है। जोस ने कहा, “कई देशो में इसे नारियल का दूध कहते हैं, जबकि कई अन्य देशों में इसे नारियल रस भी कहा जाता है। हमने नारियल का दूध बनाने की प्रौद्योगिकी विकसित कर ली है, जो अन्य जगहों पर स्थानांतरित करने के लिए तैयार है।”
उन्होंने कहा, “राज्य में नारियल का उत्पादन करने वाली कंपनियां तीन महीने के अंदर इस अद्भुत स्वास्थ्यवर्धक पेय का बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू कर देंगी।” सीडीबी की अधिकारी एनी इयापेन और अनीता जॉय के अनुसार, नारियल रस में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा न के बराबर होती है, जबकि कार्बोहाइड्रेट 15 से 16 प्रतिशत तक होता है।
योग एवं आयुर्वेद
ये वर्कआउट्स डिप्रेशन से लड़ने में हैं मददगार, मूड को रखते हैं हैप्पी
नई दिल्ली। भागमभाग वाली जीवनशैली, काम का बोझ, खानपान व अन्य तनावों के चलते आजकल लोग डिप्रेशन में आ जाते हैं, जिसके चलते कभी-कभी हादसे भी हो जाते हैं। डिप्रेशन से लड़ने में कई वर्कआउट्स काफी मददगार साबित हो सकते हैं। तो आइए जानते हैं, डिप्रेशन में किस तरह के वर्कआउट्स फायदेमंद हैं-
- रनिंग
रनिंग करने से बॉडी में डोपामाइन और सेरोटोनिन जैसे हॉर्मोन्स का सिक्रिशन होता है और कोर्टिसोल का लेवल घटता है जो स्ट्रेस बढ़ाने वाला हॉर्मोन होता है। तनाव की स्थिति में ये हॉर्मोन ज्यादा बनने लगता है, तो रनिंग इसे कम करने में प्रभावी है। रनिंग से मसल्स बनने के साथ ही हार्ट व ब्रेन भी हेल्दी रहता है।
- वेट लिफ्टिंग
वेट लिफ्टिंग के जरिए भी हल्के-फुल्के तनाव और अवसाद के लक्षणों से निपटा जा सकता है। वेट ट्रेनिंग के दौरान पूरा फोकस हाथों और शरीर पर होता है बाकी दूसरी चीज़ों पर ध्यान ही नहीं जाता। वेट लिफ्टिंग से मसल्स टोन्ड और स्ट्रॉन्ग होती है। ओवरऑल बॉडी फिट नजर आती है।
- योगा
बिना दौड़भाग के की जाने वाली बहुत ही बेहतरीन फिजिकल एक्टिविटी है योगा। तरह-तरह के शारीरिक मुद्राएं, ब्रीदिंग एक्सरसाइज और मेडिटेशन शरीर के साथ आपके दिमाग पर भी काम करती हैं। तनाव दूर करने के लिए मेडिटेशन का सुझाव एक्सपर्ट्स भी देते हैं। योग के महज 1/2 घंटे के अभ्यास से ही आपको अच्छा फील होगा।
- धूप का सेवन
धूप का सेवन तनाव, चिंता और अवसाद को दूर रखने में मददगार होता है। धूप से बॉडी में सेरोटोनिन का प्रोडक्शन होता है जो मूड को हैप्पी रखता है।
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डिस्क्लेमर: उक्त लेख सिर्फ सूचना मात्र हैं। अपनाने से पहले विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।
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