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अन्तर्राष्ट्रीय

नागालैंड में लीजीत्सू की सरकार बर्खास्त

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कोहिमा, 19 जुलाई (आईएएनएस)| नागालैंड में राज्यपाल पी.बी. आचार्य ने बुधवार को पांच माह पुरानी मुख्यमंत्री शुरहोजेली लीजीत्सू की सरकार बर्खास्त दी और नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के वरिष्ठ नेता टी. आर. जेलियांग को नई सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया।

राज्यपाल ने लीजीत्सू की सरकार को विधानसभा में बहुमत नहीं साबित कर पाने के बाद बर्खास्त कर दिया।

एक अधिकारी ने आईएनएस को बताया कि राज्यपाल ने एनपीएफ के वरिष्ठ नेता व विधायक जेलियांग को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया है।

जेलियांग राजभवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। उन्हें 22 जुलाई तक विधानसभा में बहुमत साबित करने का समय दिया गया है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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