Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

धनराशि के अभाव में संयुक्त राष्ट्र के शांति प्रयासों में हुई कमी

Published

on

Loading

संयुक्त राष्ट्र| संयुक्त राष्ट्र के उप महासचिव जैन एलियासन ने कहा कि संकटग्रस्त एवं अशांत राष्ट्रों में शांति बहाल करना संयुक्त राष्ट्र की प्राथमिकता में है, लेकिन सहायता कोष और पर्याप्त धनराशि के अभाव में इस प्रयास में कमी आई है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, एलियासन ने संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना आयोग के दूसरे वार्षिक सत्र में कहा कि शांति बहाल करने के लिए पर्याप्त और संभावित धनराशि के अभाव में संयुक्त राष्ट्र का प्रयास बाधित हुआ है।

उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि हिंसा रोकने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों में ज्यादा से ज्यादा योगदान दें।

अगले सप्ताह पीसबिल्डिंग आर्किटेक्च र रीव्यू की सलाहकार समिति के विशेषज्ञ संयुक्त राष्ट्र महासभा और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के समक्ष रिपोर्ट पेश करेंगे।

शांति स्थापना आयोग एक अंतर सरकार सलाहकार निकाय है, जो संकटग्रस्त देशों में शांति बहाल करने के प्रयासों का समर्थन करता है और शांति के मुद्दे पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को सशक्त बनाता है।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

Published

on

Loading

नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

Continue Reading

Trending