अन्तर्राष्ट्रीय
द. कोरिया : मर्स के भय से 822 स्कूलों की कक्षाएं स्थगित
सियोल | दक्षिण कोरिया में 800 से ज्यादा स्कूलों ने मिडिल ईस्ट रेस्पीरेटरी सिंड्रोम (मर्स) के संक्रमण के भय के चलते गुरुवार को कक्षाएं स्थगित कर दीं। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, देश भर में 822 स्कूलों ने स्थानीय समय के अनुसार, पूर्वाह्न् 11 बजे कक्षाएं स्थगित करने का फैसला किया।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, इन स्कूलों में 309 किंडरगार्डन, 417 प्राथमिक विद्यालय, 66 माध्यमिक विद्यालय, 12 उच्च विद्यालय, पांच कॉलेज और 13 विशेष शैक्षणिक विद्यालय शामिल हैं। कक्षाएं स्थगित करने वाले शैक्षणिक संस्थानों में से 70 फीसदी जियोंगी प्रांत के हैं, जहां सबसे ज्यादा मर्स संक्रमण के मामले सामने आए हैं। राजधानी सियोल में 24 किंडरगार्डन, 13 प्राथमिक स्कूल और दो जूनियर हाई स्कूलों ने कक्षाएं स्थगित करने का निर्णय लिया।
दक्षिण कोरिया में 20 मई को मर्स का पहला मामला सामने आने के बाद से गुरुवार को देश में मर्स संक्रमित मरीजों की संख्या 35 हो गई है। मर्स संक्रमित 35 मरीजों में से दो की उम्र 20-30 साल के बीच, चार की 30-40 के बीच और सात की 50-70 के बीच है। वहीं, पांच मरीजों की उम्र 60 से ज्यादा है। नाबालिगों के बीच मर्स संक्रमण का एक भी मामला अभी तक सामने नहीं आया है। मर्स श्वास से संबंधित बीमारी है, जो कोरोना-वायरस का नया प्रकार है।
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कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित
नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।
एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।
कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।
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