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दैनिक जागरण, टाइम्स आफ इंडिया सहित 51 अखबारों को झटका, अब नहीं मिलेंगे सरकारी एड

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पिछले कई सालों से मीडिया की मंडी में एक मामला  आग की तरह फैल रहा था। पेड न्यूज के इस मामले ने मानो बेबाक पत्रकारिता पर ही सवाल उठा दिया था लेकिन इस आग की लपटे शनिवार को तब शांत हुई जब डीएवीपी ने दैनिक जागरण और टाइम्स ऑफ़ इंडिया सहित 51 अखबारों को अपने निशाने पर लिया।

पेड न्यूज के मामले में प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया की जांच के बाद डीएवीपी को भी कुछ दिशानिर्देश दिए गए थे। केंद्र सरकार से स्वीकृति मिलने के बाद दैनिक जागरण समेत कई अखबारों को तलब किया गया है।

बता दें कि, दैनिक जागरण पर पेड न्यूज यानि पैसे लेकर खबर छापने का आरोप साबित हुआ है।

सूचना प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी एडवाइजरी में डीएवीपी को निर्देशित करते हुए कहा गया है कि वह यह सुनिश्चित करें कि दैनिक जागरण सहित 51 समाचार पत्र जिन्होंने पेड न्यूज छापा है। उन्हें किसी भी तरह से सरकारी विज्ञापन जारी नहीं किए जाएगें।

केंद्र सरकार ने यह कार्रवाई पत्रकार एवं पत्रकार संगठनों की सर्वोच्च संस्था प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के आदेश के बाद किया है।

प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने ही दैनिक जागरण द्वारा पेड न्यूज छापने के मामले की जांच की। इस मामले में दैनिक जागरण अपने पक्ष में कोई ठोस एवं पर्याप्त सबूत नहीं पेश कर पाया।

गौरतलब है कि, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान दैनिक जागरण ने पैसे लेकर खबरों का प्रकाशन किया था। हालांकि पूर्व में भी दैनिक जागरण में इस तरह की खबरें प्रकाशित की जाती रही हैं लेकिन अभी तक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई थी।

यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान दैनिक जागरण द्वारा पैसे लेकर खबर छापने के मामले में उस समय भी बड़ी कार्रवाई हुई थी। गाजियाबाद सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 15 जिलों में दैनिक जागरण के खिलाफ मुकदमें भी पंजीकृत हुए थे।

दबिश के दौरान संजय गुप्ता किसी तरह बच गए थे। लेकिन पुलिस ने jagran.com के संपादक शेखर त्रिपाठी को गिरफ्तार कर लिया था ।

दैनिक जागरण के मालिकों को कटघरे में रखते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता लालजी टंडन ने कहा था कि दैनिक जागरण में खबर छापने के बदले में उनसे पैसे मांगे जा रहे हैं। लालजी टंडन ने कहा कि दैनिक जागरण के मालिक एहसान फरामोश एवं धोखेबाज हैं।

बता दें कि, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा इस मामले को संज्ञान में लेते हुए और इलेक्शन कमिशन ऑफ इंडिया द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर दैनिक जागरण को दोषी करार दिया गया है। सूचना प्रसारण मंत्रालय द्वारा 13 सितंबर 2017 को जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि अगले 2 महीने तक दैनिक जागरण को मिलने वाले सरकारी विज्ञापन पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। 2 महीना पूरा होने के बाद ही इस बारे में सोचा जाएगा कि क्या फिर से दैनिक जागरण को सरकारी विज्ञापन की मान्यता के दायरे में लाया जाए या नहीं।

इन समाचार पत्रों में टाइम्स ऑफ इंडिया का भुवनेश्वर संस्करण, दैनिक जागरण दिल्ली संस्करण, आज समाज दिल्ली संस्करण और राज एक्सप्रेस समेत कई अखबार शामिल हैं। जो अखबार पहले से ही पैनल में नहीं हैं वे इन दो महीने की अवधि में पैनल में शामिल नहीं किए जाएंगे. देखें 51 अखबारों की पूरी लिस्ट-

 

 

नेशनल

पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर में बोले अमित शाह, पीओके भारत का है और हम इसे लेकर रहेंगे

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श्रीरामपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के हुगली के श्रीरामपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और ममता बनर्जी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ये पीओके भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी, कांग्रेस-सिंडिकेट कहती है कि धारा 370 को मत हटाओ। मैंने संसद में पूछा कि क्यों न हटाएं तो उन्होंने कहा कि खून की नदियां बह जाएंगी। 5 साल हो गए खून कि नदियां छोड़ो किसी की कंकड़ चलाने की हिम्मत नहीं है। जब INDI गठबंधन का शासन था तो हमारे कश्मीर में हड़तालें होती थीं। आज पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हड़ताल होती है। पहले कश्मीर में आजादी के नारे लगते थे, अब पाक अधिकृत कश्मीर में नारेबाजी होती है। राहुल गांधी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ममता बनर्जी आपको डरना है तो डरते रहिए लेकिन मैं आज श्रीरामपुर की धरती से कहता हूं कि ये पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा आने वाले चुनाव में आप सभी वोट डालने वाले हैं। इस चुनाव में एक ओर परिवारवादी पार्टियां हैं जिसमें ममता बनर्जी अपने भतीजे को, शरद पवार अपनी बेटी को, उद्धव ठाकरे अपने बेटे को, स्टालिन अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया गांधी, राहुल बाबा को पीएम बनाना चाहती हैं। वहीं दूसरी ओर गरीब चाय वाले के घर में जन्में इस देश के महान नेता नरेन्द्र मोदी जी हैं।

नरेन्द्र मोदी जी ने बंगाल के विकास के लिए ढेर सारे कार्य किए हैं। मैं ममता दीदी से पूछना चाहता हूं कि 10 साल तक आपके लोग सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रहे, लेकिन सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार ने बंगाल के विकास के लिए क्या किया। उनकी सरकार ने 10 साल में बंगाल के विकास के लिए मात्र 2 लाख करोड़ रुपये दिए। जबकि मोदी जी ने 10 साल में 9 लाख, 25 हजार करोड़ रुपये देने का काम किया।

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