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हेल्थ

देश को टीबी मुक्त बनाने में रोटरी लाएगी जागरूकता

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नई दिल्ली, 30 जुलाई (आईएएनएस)| भारत में 2014 की तुलना में 2015 में टीबी से मौतों की संख्या दोगुनी हो गई है। इसे दखते हुए देश के विभिन्न हिस्सों से रोटरी सदस्यों ने ट्यूबरकुलोसिस (टीबी) को लेकर जागरूकता लाने और देश में टीबी के मामलों की पहचान में सहयोग के लिए समुदाय को संगठित करने के लिए प्रतिबद्धता जताई। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की वैश्विक ट्यूबरकुलोसिस रिपोर्ट 2016 के अनुसार, भारत में टीबी से होने वाली अनुमानित मौतों की संख्या साल 2014 के 2,22,000 के मुकाबले साल 2015 में दोगुनी 4,80,000 हो गई है। ऐसे में सभी साझेदारों के लिए जरूरत है कि वो देश से टीबी के खात्मे के लिए पहल बढ़ाने के लिए एक साथ आएं।

आगे की पहल के भाग के तौर पर रोटरी जिलों और क्लबों ने टीबी मुक्त भारत अभियान को समर्थन देने के लिए कई गतिविधियां शुरू की है। इनमें रोटरी क्लबों को संवेदनशील बनना, इसके सदस्यों और क्लब के बीच संबंध स्थापित करना, रोटरी जिलों में टीबी जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यशाला, महत्वपूर्ण जनसंख्या वाले क्षेत्रों में स्वास्थ्य एवं टीबी जागरूकता कैंप, ट्यूबरक्युलॉसिस पर निजी डॉक्टरों की संवेदनशीलता, टीबी रोगियों को पोषण संबंधी सहयोग शामिल है।

केद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार अरुण कुमार झा ने कहा, पिछले एक साल में, रोटरिअंस ने हमारी टीबी के खिलाफ लड़ाई को मजबूती दी है। इस बैठक से हमें सात रोटरी जिलों में चलाई जा रही टीबी पहल की पूरी जानकारी मिलती है। हमें रोटरी जैसे साझेदारों के समर्थन की जरूरत है।

रोटरी के अंतर्राष्ट्रीय निदेशक चोकलिंगम भास्कर ने कहा, हम देश भर में इन गतिविधियों में हिस्सा लेने वाले रोटरिअंस के प्रति आभारी हैं और भारत में 2025 तक टीबी के खात्मे के अभियान के लिए उनकी पूर्ण प्रतिबद्धता और अडिग समर्थन के लिए धन्यवाद देते हैं।

इंडिया के यूएसएआईडी में टीबी एवं संक्रामक रोग प्रभाग के प्रमुख डॉ. रूबिन स्वामीकन ने कहा, रोटरी इंडिया के साथ महत्वपूर्ण साझेदारी इस स्थिति को प्रभावित कर सकती है और 2030 तक टीबी खत्म करने के निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने में मदद करेगी। रोटरी के पास भारत को टीबी मुक्त बनाने की ओर ले जाने वाली प्रवृति, पहुंच और क्षमता है।

रोटरी इंडिया नेशनल टीबी कंट्रोल कमिटी के प्रमुख वाई.पी. दास ने कहा, रोटरी इंडिया नेशनल टीबी कंट्रोल कमिटी को संघ से मार्गदर्शन मिला कि रोटरी और क्लब टीबी जागरूकता के बारे में क्या कर सकता है। इसकी पहली बैठक साल 2016 में आयोजित की गई थी। यह मील का पत्थर था। हम लोग टीबी मुक्त भारत के लिए आठ जिलों में जागरूकता अभियान संबंधी गतिविधियों में शामिल हैं और इसे अन्य जिलों में भी ले जाना चाहते हैं।

टीबी सर्वाइवर नंदिता वेंकटेशन ने कहा, दूसरे टीबी पीड़ितों को मेरा संदेश है कि वे मजबूत और दृढ़ निश्चयी बनें। इसे जीवन के लिए दूसरे मौके की तरह लें। जब जीवन आपको पीछे धकेलता है तो आप दोगुनी ताकत से इसे पीछे धकेलें। मैं अब अपनी त्वचा को लेकर पहले से अधिक सहज हूं। रोटरी जैसे संगठनों से टीबी के खिलाफ जंग में देश को आपके समर्थन की जरूरत है।

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लाइफ स्टाइल

गर्मियों में रोजाना मूली खाने से होंगे कई फायदे, आज ही करें डाइट में शामिल

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benefits of eating radish daily in summer

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नई दिल्ली। लोगों को लगता है कि मूली केवल सर्दियों में उगती है और इसे तभी खाया जाता है, लेकिन मूली की कुछ किस्मे बसंत और गर्मियों में भी उगती हैं, जैसे कि गाजर। सफ़ेद मूली भारत में सबसे अधिक पाई जाने वाली किस्म है, जो स्प्रिंग-समर सीजन में मिलती है।

इसके अलावा मूली की अन्य किस्में भी हैं, जिसमें गुलाबी और कभी-कभी काले रंग की मूली शामिल है। हालांकि, कुछ लोगों को मूली पसंद नहीं होती, लेकिन हम आपको इसके कुछ ऐसे स्वास्थ्य लाभों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे जानने के बाद आप इसे खाने से परहेज नहीं करेंगे।

सेहत के लिए कैसे फायदेमंद है मूली?

RBC को बढ़ाए: मूली हमारे शरीर में RBC (रेड ब्लड सेल्स) के डैमेज को होने से रोकता है और इस प्रक्रिया में खून में ऑक्सीजन की आपूर्ति को भी बढ़ाता है।

हाई फाइबर: अगर मूली को रोजाना सलाद के हिस्से के रूप में खाते हैं, तो यह शरीर में फाइबर की कमी को पूरा करता है, जिससे डाइजेशन में सुधार होता है।

दिल के लिए फायदेमंद: मूली एंथोसायनिन का एक अच्छा स्रोत है, जो हमारे दिल को ठीक से काम करने में मदद करता है और जिससे दिल की बीमारी का खतरा कम होता है। साथ ही इनमें विटामिन सी, फोलिक एसिड और फ्लेवोनोइड्स भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।

ब्लड प्रेशर कंट्रोल करे: मूली पोटेशियम का भी अच्छा स्त्रोत है, जो ब्लड प्रेशर को कम करके ब्लड सर्कुलेशन में सुधार कर सकती है। खासकर अगर आप हाई बीपी से पीड़ित हैं।

इम्यूनिटी बढ़ाए: मूली में हाई विटामिन सी होने के कारण यह सामान्य सर्दी और खांसी से बचा सकता है और इम्यूनिटी में भी सुधार कर सकता है। लेकिन इसके लिए आपको रोजाना मूली खाने की जरूरत होती है। इसके अलावा यह फ्री रैडिकल्स से होने वाले डैमेज से भी बचाता है।

ब्लड वैसल्स को मजबूत करता है: मूली कोलेजन के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो बदले में ब्लड वैसल्स को बूस्ट करती है और एथेरोस्क्लेरोसिस होने की संभावना को कम करती है।

मेटाबॉलिज्म के लिए फायदेमंद: यह रूट वेजिटेबल न केवल डाइजेशन के लिए अच्छी है, बल्कि यह एसिडिटी, मोटापा, गैस्ट्रिक समस्याओं और मतली जैसी परेशानियों को ठीक करने में भी मदद करती है।

न्यूट्रिशन से भरपूर: लाल मूली में विटामिन ई, ए, सी, बी6 और के होता है और यह सभी हमारे शरीर को अच्छी तरह से फंक्शन करने में मदद करती है।

स्किन के लिए फायदेमंद: हर दिन मूली का रस पीने से स्किन को हेल्दी रखने में मदद मिलती है और ऐसा ज्यादातर विटामिन सी, जिंक और फास्फोरस के गुणों के कारण होता है।

इसके अलावा ड्राईनेस, मुंहासे, फुंसी और रैशेज को भी दूर रख जा सकता है। वहीं मूली के रस को बालों में लगाते हैं, तो यह डैंड्रफ को दूर करने में भी मदद करता है, बालों का झड़ना रोकता है और जड़ों को मजबूत बनाता है।

हाइड्रेट: गर्मियों में मूली खाने से शरीर हाइड्रेटेड रहता है क्योंकि इसमें पानी की मात्रा अधिक होती है।

डिसक्लेमर: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।

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