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दार्जिलिंग : छिटपुट हिंसा, कड़ी सुरक्षा के बीच निकलीं शव यात्राएं

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दार्जिलिंग, 9 जुलाई (आईएएनएस)| पश्चिम बंगाल के उत्तरी पर्वतीय इलाके में पृथक गोरखालैंड की मांग कर रहे गोरखा मुक्ति मोर्चा (जीजेएम) द्वारा बुलाई गई अनिश्चितकालीन हड़ताल रविवार को 25वें दिन भी जारी रही और शुक्रवार की रात भड़की ताजा हिंसा में अब तक तीन व्यक्तियों की मौत हो चुकी है।

हिंसा और आगजनी की घटनाएं रविवार को भी जारी रहीं और तीनों मृतकों को अपना कार्यकर्ता बताते हुए जीजेएम ने आरोप लगाया है कि पुलिस की गोली लगने से उनकी मौत हुई।

जीजेएम के सहायक महासचिव बिनय तमांग ने आईएएनएस से कहा, पुलिस ने कल (शनिवार) हमारे तीन कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी। दो व्यक्तियों की मौत दार्जिलिंग में हुई, जबकि एक अन्य समर्थक की मौत दार्जिलिंग से 17 किलोमीटर दूर सोनादा में हुई।

पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों की कड़ी सुरक्षा में रविवार को जीजेएम समर्थकों ने शव यात्राएं निकालीं।

तमांग ने कहा, हमने शनिवार को मारे गए अपने तीन गोरखा भाइयों को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए दार्जिलिंग बाजार इलाके में दो शवों की शव यात्राएं निकालीं जबकि एक शव यात्रा सोनादा में निकाली गई।

उन्होंने कहा, हमारे पास कोई हथियार नहीं था। पुलिस के पास ही हथियार थे। तो यह साफ है कि गोलियां पुलिस ने ही चलाईं।

पुलिस ने हालांकि आरोपों से इनकार किया है।

पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने रविवार की सुबह कुरसियोंग में प्रखंड कार्यालय को आग लगा दी, जिसमें इमारत का एक हिस्सा जल गया।

गोरखालैंड समर्थकों ने पोखरिबिंग पंचायत कार्यालय को भी आग लगा दी और दार्जिलिंग के पोखरी में स्थित पुलिस की एक सीमा चौकी में तोड़-फोड़ की।

राज्य के शिक्षा मंत्री पार्था चटर्जी ने इलाके में तोड़-फोड़ किए जाने की कड़े शब्दों में निंदा की और दावा किया कि जीजेएम से संबद्ध ‘कुछ दूसरे देश’ हिंसा भड़काने में लगे हुए हैं।

चटर्जी ने कहा, वे जो कुछ कर रहे हैं, वह अलोकतांत्रिक और निंदनीय है। यह साफ है कि जीजेएम से संबद्ध कुछ दूसरे देश हिंसा भड़का रहे हैं।

शुक्रवार की देर रात अचानक भड़की हिंसा में तीन व्यक्तियों की मौत और एक पुलिसकर्मी के घायल होने के बाद शनिवार को इलाके में सेना की दो टुकड़ियां तैनात कर दी गई हैं।

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राहुल गांधी ने फिर उठाए ईवीएम पर सवाल, कहा- ये एक ब्लैक बाॅक्स है, किसी को इसकी जांच की इजाजत नहीं

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नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों के दौरान विपक्ष ने ईवीएम का मुद्दा जमकर उठाया था। हालांकि चुनावी नतीजे आने के बाद ये मुद्दा गायब सा हो गया था। अब एक बार फिर राहुल गाँधी ने ईवीएम का मुद्दा उठाया है। राहुल गांधी ने बिजनेसमैन एलन मस्क की पोस्ट को रिट्वीट करते हुए लिखा कि भारत में ईवीएम एक ब्लैक बाॅक्स है और किसी को इसकी जांच की इजाजत नहीं है। हमारी चुनावी प्रकिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं। जब संस्थाओं में जवाबदेही की कमी होती है तो लोकतंत्र एक दिखावा बन जाता है।

राहुल गांधी ने अपनी पोस्ट में हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव से जुड़ी एक घटना का जिक्र किया है। राहुल ने इससे जुड़ी खबर को शेयर किया है। इस मामले में ईवीएम को लेकर सवाल उठाए गए हैं। मुंबई पुलिस ने शिवसेना शिंदे गुट के सांसद रविंद्र वायकर के साले मंगेश पांडिलकर के खिलाफ केस दर्ज किया है। मंगेश पांडिलकर पर यह आरोप है कि उसने मुंबई के गोरेगांव चुनाव केंद्र के अंदर पाबंदी के बावजूद मोबाइल का इस्तेमाल किया था।

मुंबई पुलिस ने पांडिलकर को मोबाइल देने के आरोप में चुनाव आयोग के एक कर्मचारी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। दरअसल, इस मामले में मुंबई की नॉर्थ पश्चिम सीट से चुनाव लड़नेवाले कई उम्मीदवारों की तरफ से भी शिकायतें मिली थीं। जिसके बाद मामला दर्ज किया गया। बता दें कि शिवसेना शिंदे के उम्मीदवार रविंद्र वायकर दोबारा काउंटिंग होने के बाद केवल 48 वोटों से चुनाव जीतने में सफल रहे थे। इस पर काफी विवाद भी हुआ था।

 

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