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तलाशी से पहले डेरा मुख्यालय के आसपास सुरक्षा चुस्त

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चंडीगढ़, 6 सितम्बर (आईएएनएस)| पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा डेरा मुख्यालय की तलाशी की अनुमति देने के बाद बुधवार को सिरसा शहर के पास स्थित इस परिसर के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा बल सेवानिवृत्त जिला और सत्र न्यायाधीश ए.के.एस. पवार के आगमन की प्रतीक्षा रहे हैं, जो हरियाणा सरकार के अभियान की निगरानी के लिए मंगलवार को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किए गए।

डेरा सिरसा शहर से लगभग आठ किलोमीटर (यहां से 260 किमी) दूर दो परिसरों (600 एकड़ और 100 से अधिक एकड़) में फैला हुआ है।

केंद्रीय अर्धसैनिक बलों और हरियाणा पुलिस के सशस्त्र सुरक्षाकर्मियों को डेरा परिसरों के बाहर तैनात किया गया है। सिरसा मुख्यालय के पास बम निष्क्रिय करने वाले दस्ते और श्वान दस्ते को भी तैनात किया गया है।

इस विशाल डेरा मुख्यालय में एक स्टेडियम, अस्पताल, शैक्षणिक संस्थान, एक रिसॉर्ट, मकान, बाजार और अन्य बुनियादी ढांचे शामिल हैं। डेरा प्रमुख के (लगभग 100 एकड़) और उनके परिवार के सदस्यों के विशाल बंगले भी अंदर ही स्थित हैं।

डेरा परिसर के आसपास के इलाके में कर्फ्यू में एक घंटे की ढील दी गई है, ताकि परिसर के अंदर और बाहर के लोग आवश्यक वस्तुओं को खरीद सकें।

हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) बी.एस. संधू ने कहा कि सुरक्षा बल डेरा परिसर की तलाशी के लिए तैयार हैं।

डीजीपी ने कहा, 25 अगस्त से हरियाणा में पूर्ण शांति है। राज्य में अर्धसैनिक बलों की 131 टुकड़ियां तैनात की गई हैं।

संप्रदाय प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की करीबी सहयोगी व डेरा प्रशासन की अध्यक्ष विपासना ने मंगलवार को मीडिया को बताया कि डेरा प्रबंधन इस तलाशी अभियान के लिए पूरी तरह तैयार है।

विपासना ने कहा, हम स्थानीय प्रशासन के साथ सहयोग कर रहे हैं। डेरा और परिसर के अंदर रहने वाले सभी लोगों के हथियार अधिकारियों के पास जमा किए गए हैं। हमारे पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। परिसर में किसी भी समय तलाशी अभियान चलाया जा सकता है।

हरियाणा के वकील बलदेव राज महाजन ने कहा कि हरियाणा सरकार ने उच्च न्यायालय से इस अभियान की निगरानी करने की मांग की थी।

हरियाणा में अधिकारियों ने डेरा के 117 ‘नाम चर्चा गृहों’ की जांच की है, जहां उसके अनुयायी प्रार्थना और चर्चा के लिए इकट्ठा होते हैं।

सूत्रों ने बताया कि हिंसा में इस्तेमाल होने वाले हथियारों और अन्य वस्तुओं को परिसर से पहले ही जब्त कर लिया गया है।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सोमवार को कहा था, डेरा प्रमुख की गिरफ्तारी के बाद इस परिसर में तलाशी अभियान के दौरान मिली कुछ आपत्तिजनक वस्तुओं को जब्त कर लिया गया है।

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15 दिन की पैरोल मिलने के बाद जेल से बाहर आए पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह, समर्थकों ने किया स्वागत

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पटना। पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह रविवार को पटना की बेऊर जेल से बाहर निकल गये हैं। गृह विभाग से हरी झंडी मिलने के बाद अनंत सिंह को जेल से 15 दिनों की पैरोल मिली है। वह सुबह लगभग 4:00 बजे जेल से बाहर निकले।आनंद सिंह के जेल से बाहर निकलने की सूचना के साथ ही उनके समर्थकों में काफी उत्साह का माहौल है। अनंत सिंह लगभग 5 वर्षों से जेल में बंद है। अनंत सिंह पर एके 47 रखने का आरोप है, जिसके तहत कोर्ट ने उन्हें 10 वर्ष की सजा सुनाई थी। तब से मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह पटना के बेउर जेल में सजायाफ्ता बंदी के रूप में सजा काट रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक़ आपसी पारिवारिक बंटवारे को लेकर अनंत सिंह ने न्यायालय में कोर्ट से पैरोल पर इसके लिए आदेश मांगा था। पेरोल पर आदेश मिलने के बाद आनंद सिंह को लेकर गृह विभाग ने यह आदेश जारी किया था। रविवार की अहले सुबह जब अनंत सिंह को 15 दिनों के पैरोल पर बेउर जेल से बाहर निकाला जा रहा था, उस समय जेल के बाहरी एवं भीतरी सुरक्षा को चुस्त दुरुस्त कर दिया गया था।

अनंत सिंह की पत्नी नीलम सिंह वर्तमान में राजद के विधायक हैं। बिहार में वर्तमान में लोकसभा का चुनाव चल रहा है। चौथे चरण 13 में को बिहार के मुंगेर में लोकसभा के चुनाव का मतदान होना है। इसे लेकर भी अनंत सिंह के जेल से बाहर आने को लेकर राजनीतिक गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।

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