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तंबाकू सेवन में मिजोरम सबसे आगे, कैंसर मरीजों की संख्या भी सर्वाधिक

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तंबाकू सेवन में मिजोरम सबसे आगे, कैंसर मरीजों की संख्या भी सर्वाधिक

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आइजोल। पूर्वोत्तर का राज्य मिजोरम तंबाकू उत्पादों के उपभोग के मामले में देश में सबसे आगे है। राज्य की 67.2 फीसदी आबादी धूम्रपान या अन्य तंबाकू उत्पादों का उपभोग करती है।

मिजोरम स्टेट टोबैको कंट्रोल सोसाइटी (एमएसटीसीएस) की नोडल अफसर जेन आर. राल्टे ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, “मिजोरम की 11 लाख की आबादी में से रिकार्ड 67.2 फीसदी लोग अलग-अलग तरह के तंबाकू उत्पादों का सेवन करते हैं।”

उन्होंने हाल के एक आधिकारिक सर्वेक्षण के हवाले से बताया, “मिजोरम में तंबाकू उत्पादों का सेवन करने वालों में 73.6 फीसदी पुरुष हैं। राष्ट्रीय स्तर पर यह औसत 32.1 है।” राज्य में तंबाकू उत्पादों का सेवन करने वालों में 16.1 फीसदी महिलाएं हैं।

राल्टे ने बताया कि मिजोरम में तंबाकू का इस्तेमाल न करने वाले 62 फीसदी लोग दूसरों के द्वारा इसके इस्तेमाल के दौरान इसकी चपेट में (पैसिव स्मोकिंग) आ जाते हैं। उन्होंने कहा कि मिजोरम में देश में सबसे ज्यादा कैंसर के मरीज हैं। इस वक्त राज्य में रिकार्ड 5,888 लोग कैंसर से पीड़ित हैं। बीते पांच सालों में राज्य में कैंसर से 3,137 लोगों की मौत हो चुकी है।

2009 से मिजोरम सरकार तंबाकू रोधी कार्यक्रम पर अमल कर रही है। एक आधिकारिक बयान में बताया गया है कि मुख्यमंत्री लल थनहावला ने एक बैठक में कहा, “सार्वजनिक और खुली जगहों पर तथा धूम्रपान न करने वालों के सामने धूम्रपान की मनाही है। राज्य में सरकारी दफ्तरों, शिक्षा संस्थानों, स्वास्थ्य केंद्रों और भीड़भाड़ वाली जगहों पर धूम्रपान की मनाही है।”

मुख्यमंत्री की पत्नी एवं इंडियन सोसाइटी ऑफ टोबैको हेल्थ की मिजोरम इकाई की अध्यक्ष लाल रिलिआनी ने कहा कि मिजो लोगों में कैंसर के 50 फीसदी मामलों की वजह तंबाकू है। मिजोरम में पुरुषों, महिलाओं और बच्चों तक में तंबाकू सेवन की लंबी परंपरा रही है।

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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