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अन्तर्राष्ट्रीय

डोनाल्ड ट्रंप ने 9/11 हमले के लिए जॉर्ज बुश को जिम्मेदार ठहराया

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वाशिंगटन| अमेरिका में राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन दावेदार डोनाल्ड ट्रंप ने 11 सितंबर 2001 (9/11) को हुए आतंकवादी हमले के लिए पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि यह हमला बुश के कार्यकाल में हुआ था, इसलिए इसके लिए वह जिम्मेदार हैं। हालांकि जॉर्ज बुश के भाई और चुनाव में ट्रंप के प्रतिद्वंद्वी जेब बुश ने उनके इस आरोप को ‘दुखद’ करार दिया है।

ट्रंप अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव 2016 के लिए रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की दौड़ में सबसे आगे हैं। ट्रंप की इन टिप्पणियों से नाराज जेब बुश ने शुक्रवार को इसे दुखद करार देते हुए कहा कि उनके भाई ने राष्ट्रपति के रूप में देश को सुरक्षित रखा। जेब ने ट्वीट कर कहा, 9/11 हमले के लिए राष्ट्रपति की आलोचना करना दुखद है। हम पर हमला किया गया था और मेरे भाई ने देश को सुरक्षित रखा।

ट्रंप ने शुक्रवार सुबह ब्लूमबर्ग टीवी पर यह विवादास्पद बयान दिया जब आप जॉर्ज बुश के बारे में बात करते हैं तो आप जो कहना चाहते हैं कहिए। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर उनके कार्यकाल के दौरान हमला हुआ। इस पर ब्लूमबर्ग टीवी के एंकर ने ट्रंप को बीच में रोकते हुए बोला कि आप इसके लिए बुश को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते। लेकिन ट्रंप अपने बयान में अड़े रहे। ट्रंप ने कहा वह राष्ट्रपति थे, ठीक है? उन्हें जिम्मेदार ठहराएं या नहीं, लेकिन वह उस समय राष्ट्रपति थे। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर उनके कार्यकाल के दौरान हमला हुआ।

ट्रंप ने जेब बुश द्वारा अपने भाई का बचाव किए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने कहा आपने कहा कि आपके भाई के कार्यकाल में कुछ नहीं हुआ, जबकि इस दौरान वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमला हुआ था। उन्होंने फिर लिखा जब बुश चाहे इसे मानो या नहीं, लेकिन हमारे देश को उससे कहीं अधिक ऊर्जा और उत्साह की जरूरत है, जितनी आप दे सकते हैं। ट्रंप ने इससे पहले भी बुश पर यह कहते हुए निशाना साधा था कि उनका राष्ट्रपति काल भयंकर रहा है। उन्होंने पिछले सप्ताह यह भी कहा था कि 2001 में अफगानिस्तान में सेना भेजना एक भारी गलती थी।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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