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अन्तर्राष्ट्रीय

डॉक्टर का कारनामा, 212 लोगों को बनाया एचआईवी पीड़ित

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नोम पेन्ह। कंबोडिया के बत्तमबांग प्रांत में तकरीबन 212 ग्रामीण एचआईवी वायरस से संक्रमित मिले हैं। यह जानकारी शनिवार को यहां के स्वास्थ्य मंत्री और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने संयुक्त बयान जारी कर दी। आश्चर्यजनक यह है कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों के एचआईवी पीड़ित होने के पीछे एक डॉक्टर का हाथ है। एचआईवी पीड़ितों ने आरोप लगाया कि डॉक्टर मरीजों पर बिना स्टेरलाइज किए सुइयों का इस्तेमाल करता था। अक्सर वह सिरिंज का दोबारा इस्तेमाल भी करता था।

यहां जारी एक बयान में कहा गया कि आठ से 31 दिसंबर 2014 के दौरान रोका समुदाय के कुल 1,940 लोगों ने स्वेच्छा से एचआईवी जांच कराई थी। इस परीक्षण में 212 लोग एचआईवी से संक्रमित मिले। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने बयान के हवाले से बताया कि 212 एचआईवी संक्रमितों में 39 लोगों की उम्र 14 साल से भी कम है, वहीं 127 संक्रमित ऐसे हैं, जिनकी उम्र 15 से 59 साल के बीच है और 46 व्यक्ति ऐसे हैं जिनकी उम्र 60 साल से अधिक है।”

बीते साल नवंबर में एक 74 वर्षीय वृद्ध एचआईवी से संक्रमित मिला था और आठ दिसंबर को उसकी मौत हो के बाद कई लोगों ने स्वेच्छा से अपने रक्त की जांच कराई।

ग्रामीणों ने एचआईवी के प्रसार के लिए एक गैर-लाइसेंसधारक डॉक्टर को दोषी ठहराया है। डॉक्टर येम च्रिन (56) पर ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि वह मरीजों पर सुइयों का इस्तेमाल बिना उन्हें स्टेरलाइज किए करता था। सिरिंज का दोबारा इस्तेमाल भी करता था।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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