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डेरा हिंसा : वांछित लोगों की सूची में हनीप्रीत का नाम सबसे ऊपर

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चंड़ीगढ़, 18 सितम्बर (आईएएनएस)| हरियाणा पुलिस ने सोमवार को डेरा सच्चा सौदा संप्रदाय के अनुयायियों द्वारा पिछले महीने पंचकुला में की गई हिंसा को लेकर वांछित लोगों की एक सूची जारी की है। इस सूची में संप्रदाय प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की करीबी सहयोगी हनीप्रीत कौर का नाम सबसे ऊपर है। सूची में राम रहीम के एक अन्य शीर्ष सहयोगी व डेरा के प्रवक्ता आदित्य इंसा का नाम भी शामिल है, जो इस समय फरार है।

बड़े पैमाने पर हिंसा को उकसाने व उसमें शामिल होने के जिम्मेदार 43 संदिग्ध लोगों की तस्वीरें भी हरियाणा पुलिस की वेबसाइट पर जारी की गई हैं।

इनमें से ज्यादातर तस्वीरें समाचार चैनलों के वीडियो फुटेज और पंचकूला में विभिन्न स्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरों से प्राप्त की गई हैं। पुलिस अभी तक इन आरोपियों के नामों की पहचान नहीं कर पाई है।

राम रहीम को साध्वी दुष्कर्म मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद 25 अगस्त को पंचकुला में हिंसा शुरू हो गई थी। हिंसा के कारण पंचकुला में 32 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 250 लोग घायल हो गए थे।

सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले से दो-तीन दिनों पहले ही करीब एक लाख डेरा अनुयायी गैर कानूनी ढंग से पंचकुला में एकत्रित हो गए थे।

हनीपीत कौर, जिसका असली नाम प्रियंका तनेजा है। राम रहीम सिंह की विवादास्पद दत्तक पुत्री है जो 25 अगस्त की शाम से फरार है।

हनीप्रीत सिरसा से लेकर पंचकुला में सीबीआई की विशेष अदालत तक राम रहीम के साथ रही थी, जहां राम रहीम को दुष्कर्म के दो मामलों में दोषी करार दिया गया था।

हरियाणा पुलिस ने हनीप्रीत कौर पर देशद्रोह और राम रहीम को सजा के बाद कथित तौर पर भागने में मदद करने की साजिश में शामिल होने का मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस ने हनीप्रीत के खिलाफ एक लुकआउट नोटिस जारी किया है और उसे पकड़ने के लिए विभिन्न राज्यों में छापेमारी की जा रही है।

पुलिस ने ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) के एक पूर्व नेत्र विशेषज्ञ और कई सालों तक डेरा के प्रवक्ता रहे आदित्य के खिलाफ इंसा के खिलाफ भी लुकआउट नोटिस जारी किया है।

उन्हें हिंसा भड़कने से कुछ मिनट पहले पंचकुला में देखा गया था।

इंसा पर चार अन्य डेरा कार्यकताओं के साथ देशद्रोह और हिंसा भड़काने का मामला दर्ज किया गया है।

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नेशनल

राहुल गांधी ने फिर उठाए ईवीएम पर सवाल, कहा- ये एक ब्लैक बाॅक्स है, किसी को इसकी जांच की इजाजत नहीं

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नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों के दौरान विपक्ष ने ईवीएम का मुद्दा जमकर उठाया था। हालांकि चुनावी नतीजे आने के बाद ये मुद्दा गायब सा हो गया था। अब एक बार फिर राहुल गाँधी ने ईवीएम का मुद्दा उठाया है। राहुल गांधी ने बिजनेसमैन एलन मस्क की पोस्ट को रिट्वीट करते हुए लिखा कि भारत में ईवीएम एक ब्लैक बाॅक्स है और किसी को इसकी जांच की इजाजत नहीं है। हमारी चुनावी प्रकिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं। जब संस्थाओं में जवाबदेही की कमी होती है तो लोकतंत्र एक दिखावा बन जाता है।

राहुल गांधी ने अपनी पोस्ट में हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव से जुड़ी एक घटना का जिक्र किया है। राहुल ने इससे जुड़ी खबर को शेयर किया है। इस मामले में ईवीएम को लेकर सवाल उठाए गए हैं। मुंबई पुलिस ने शिवसेना शिंदे गुट के सांसद रविंद्र वायकर के साले मंगेश पांडिलकर के खिलाफ केस दर्ज किया है। मंगेश पांडिलकर पर यह आरोप है कि उसने मुंबई के गोरेगांव चुनाव केंद्र के अंदर पाबंदी के बावजूद मोबाइल का इस्तेमाल किया था।

मुंबई पुलिस ने पांडिलकर को मोबाइल देने के आरोप में चुनाव आयोग के एक कर्मचारी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। दरअसल, इस मामले में मुंबई की नॉर्थ पश्चिम सीट से चुनाव लड़नेवाले कई उम्मीदवारों की तरफ से भी शिकायतें मिली थीं। जिसके बाद मामला दर्ज किया गया। बता दें कि शिवसेना शिंदे के उम्मीदवार रविंद्र वायकर दोबारा काउंटिंग होने के बाद केवल 48 वोटों से चुनाव जीतने में सफल रहे थे। इस पर काफी विवाद भी हुआ था।

 

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