अन्तर्राष्ट्रीय
टेक्सास के गिरजाघर में गोलीबारी 26 की मौत
वाशिंगटन, 6 नवंबर (आईएएनएस)| अमेरिका के टेक्सास के एक बैपटिस्ट चर्च में एक हमलावर ने अंधाधुंध गोलियां बरसाकर 26 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। हमलावर ने बैलिस्टिक वेस्ट पहनी हुई थी और उसके पास सेना की शैली की राइफल थी।
यह हमला सैन एंटोनियो से लगभग 45 किलोमीटर दक्षिणपूर्व सदरलैंड स्प्रिंग्स में रविवार को हुआ।
कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि हमलावर की पहचान डेविन पैट्रिक केली (26) के रूप में की गई है, जो हमले के तुरंत बाद मारा गया। हालांकि, अभी हमलावर की मौत के कारणों का पता नहीं चल पाया है।
पुलिस के मुताबिक, केली ने सुबह 11 बजे रविवार सुबह की प्रार्थना सभा शुरू होने के कुछ ही देर बाद गिरजाघर में गोलियां चलानी शुरू कर दी।
उसके पास रूगर सैन्य शैली की राइफल थी और कुछ ही मिनटों में इस छोटे से गिरजाघर में मौजूद कई लोगों की मौत हो चुकी थी और कई घायल हो गए थे।
इस हादसे के पीड़ितों में पांच से लेकर 72 वर्ष तक की उम्र के लोग थे। मृतकों में कई बच्चे, एक गर्भवती महिला और पादरी की 14 साल की बेटी भी शामिल है।
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, इस हमले में 20 लोग घायल हुए हैं।
टेक्सास के न्यू ब्रॉनफेल्स का रहने वाला डेविस न्यू मैक्सिको में वायु सैन्यकर्मी के तौर पर तैनात था लेकिन पत्नी और बच्चे के साथ मारपीट के आरोपों के बाद 2012 में उसका कोर्ट मार्शल कर दिया गया।
वायुसेना मीडिया ऑपरेशंस के प्रमुख एन स्टेफानेक के मुताबिक, उन्हें 12 साल कैद की सजा सुनाई गई थी।
हमले का उद्देश्य अभी स्पष्ट नहीं है।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी जो टेक्किट के मुताबिक, यह कुछ ऐसा है जो छोटे समुदायों में नहीं होता लेकिन हमें आज पता चला है कि ऐसा होता है।
पुलिस के मुताबिक, केली गिरजाघर में कत्लेआम कर बाहर निकला। इस दौरान उसका सामना एक शख्स से हुआ, जिसने भी गोलियां चलाईं। कार में बैठकर घटनास्थल से फरार हो रहे केली को गोली लगी, जिसके बाद केली की कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई। पुलिस को कार के भीतर केली का शव मिला।
इस गोलीकांड में 26 मृतकों में से 23 के शव गिरजाघर के अंदर मिले जबकि दो गिरजाघर के बाहर मिले। वहीं, एक शख्स ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, गवर्नर ग्रेग अबॉट ने कहा कि वह और टेक्सास के अन्य नागरिक प्रार्थना कर रहे हैं कि ईश्वर इस हादसे के पीड़ितों के घाव भरें, उन्हें राहत प्रदान करें और उनका मार्गदर्शन करें।
राष्ट्रपति ट्रंप ने इस घटना को भयावह गोलीकांड बताया है। वह फिलहाल पांच देशों की यात्रा के पहले चरण के तहत जापान में हैं।
ट्रंप ने इस हत्याकांड के बाद व्हाइट हाउस और सभी संघीय इमारतों से राष्ट्रध्वज को गुरुवार तक के लिए आधा झुकाने के निर्देश दिए हैं।
ट्रंप ने कहा, अमेरिकी वह करेंगे, जो हम बेहतर कर सकते हैं। हम एकजुट, एक साथ हाथ मिलाकर रहेंगे और इस दुख की घड़ी में भी टूटेंगे नहीं।
अन्तर्राष्ट्रीय
भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे
नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।
रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।
आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।
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