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जेटली ने मारे गए आरएसएस कार्यकर्ता के परिवार से मुलाकात की
तिरुवनंतपुरम, 6 अगस्त (आईएएनएस)| केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हाल ही में मारे गए आरएसएस कार्यकर्ता के परिजनों से रविवार को मुलाकात की, जिनकी कथित तौर पर केरल में माकपा कार्यकर्ताओं ने हत्या कर दी थी।
जेटली हवाईअड्डे से ई.राजेश (34) के घर गए। राजेश की एक सप्ताह पहले हत्या कर दी गई थी। जेटली ने राजेश की पत्नी, उनके दो बच्चों व परिवार के अन्य सदस्यों से मुलाकात की।
केरल के एक दिवसीय दौरे पर आए जेटली का हवाईअड्डे पर भारतीय जनता पार्टी की राज्य इकाई के नेताओं ने स्वागत किया।
इस बीच, माकपा ने रविवार को राज्यपाल पी. सदाशिवम के निवास स्थान राजभवन के समक्ष धरना प्रदर्शन करते हुए जेटली से माकपा के उन कार्यकताओं के परिवारों से भी मुलाकात करने की मांग की, जिनकी कथित तौर पर भाजपा व आरएसएस कार्यकर्ताओं द्वारा हत्या की गई है।
माकपा के तिरुवनंतपुरम जिले के सचिव अनावूर नागप्पन ने मीडिया से कहा कि प्रदर्शन में राज्य में 1980 से मारे गए 21 माकपा कार्यकर्ताओं के परिजन भी शामिल हुए।
उन्होंने कहा, जेटली को अपने दौरे को सिर्फ आरएसएस कार्यकर्ताओं के घर तक ही सीमित नहीं रखना चाहिए। यहां बैठे सभी लोगों ने अपने करीबी और प्रिय लोगों को भाजपा और आरएसएस कार्यकर्ताओं के हाथों खो दिया है।
प्रदर्शन में भाग लेने वालों में माकपा की राज्य इकाई के सचिव कोडियेरी बालकृष्णन व एलडीएफ संयोजक वायकोम विश्वम भी शामिल हुए।
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने केरल में शांति कायम करने के कदमों पर चर्चा के लिए राज्य के राजनीतिक दलों के नेताओं की एक बैठक बुलाई है।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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