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बिजनेस

जेटली को 2016 तक जीएसटी लागू होने का भरोसा

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हांगकांग। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को भरोसा जताया कि 2016 तक वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था लागू हो जाएगी। जेटली ने कहा, “कांग्रेस नई कर व्यवस्था में देरी करने की कोशिश कर रही है। लेकिन इसे याद रखना चाहिए कि यह लेन-देन पर लगने वाला कर है, आयकर नहीं है।”

जेटली सिंगापुर और हांगकांग के चार दिवसीय यात्रा पर हैं। उन्होंने कहा कि अगले संसदीय सत्र में जीएसटी के राज्यसभा में पारित हो जाने की उम्मीद है। जेटली ने हालांकि कहा कि इसे एक अप्रैल, 2016 से ही लागू करना जरूरी नहीं है। चूंकि यह लेन-देन पर लगने वाला कर है, इसलिए इसे किसी भी महीने की प्रथम तारीख से लागू किया जा सकता है। उन्होंने कहा, “इसे किसी भी महीने की प्रथम तारीख से लागू किया जा सकता है। एक अप्रैल से अधिक विलंब होने का मतलब यह नहीं है कि यह उससे अगले वर्ष के एक अप्रैल से लागू होगा।”

पिछली तिथि के प्रभाव से लागू होने वाले कर और न्यूनतम वैकल्पिक कर (एमएटी) के मुद्दे पर उन्होंने कहा, “भविष्य के लिए यह समाप्त किया जा चुका है। हस्तांतरण मूल्यांकन सुलझाया जा चुका है। ऐसा नहीं है कि हम इस पर सिर्फ बात कर रहे हैं। हम काम भी कर रहे हैं।” चीन की सुस्ती पर उन्होंने कहा कि इससे शेयर बाजार पर प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने आगे कहा, “चीन की मुद्रा में किसी भी बदलाव का असर मुद्रा बाजार पर पड़ेगा।” उन्होंने साथ ही कहा कि भारत में चीन से होने वाले निवेश का स्वागत है।

उन्होंने कहा कि महंगी पूंजी से कई क्षेत्र प्रभावित हो रहे हैं और घरेलू निजी क्षेत्र से कम निवेश हो रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा से उम्मीद के बारे में उन्होंने कहा, “इसे आरबीआई पर ही छोड़ देना चाहिए।”

बिजनेस

Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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