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मनोरंजन

जिया की आत्महत्या केस में आरोपित सूरज ने NARCO टेस्ट से किया इनकार, कहां-मैं आतंकवादी नहीं हूं

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मुंबई | मुंबई की एक अदालत ने बॉलीवुड अभिनेता सूरज पंचोली के खिलाफ वर्ष 2013 में जिया खान आत्महत्या मामले में आरोप तय कर दिए हैं। मामले की सुनवाई अब फरवरी के मध्य में शुरू होने की संभावना है। जिया आत्महत्या मामले की सुनवाई लगभग पांच वर्ष बाद होने जा रही है। जिया की मां राबिया खान ने अपनी 25 वर्षीय बेटी का शव जुहू स्थित उसके फ्लैट के बेडरूम में फांसी के फंदे से झूलता पाया था।  परिवार और अन्य लोगों की शिकायत के बाद सूरज को गिरफ्तार कर लिया गया, बाद में उसे जमानत पर रिहा कर दिया।

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सत्र न्यायाधीश के.डी. शिरभाटे ने मंगलवार को भारतीय दंड संहिता की धारा 306 के तहत सूरज के खिलाफ आरोप तय किए। अदालत में उस वक्त सूरज मौजूद थे। यदि आरोप सही साबित हुए तो सूरज को अधिकतम 10 वर्षो की जेल हो सकती है। दूसरी ओर इस पूरे मामले में सूरज लगातार अपना बचाव करते नजर आ रहे हैं।

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उन्होंने नारको टेस्ट को लेकर चल रही चर्चा के बीच कहा है कि वह मुझसे नारको टेस्ट करना चाहते थे मैं सिर्फ आपको एक सवाल पूछना चाहता हूं, अगर आप दोषी नहीं हैं और अगर कोई आपको अस्पताल के बिस्तर पर लेटाकर आपको रसायनों से इंजेक्शन करना चाहता है क्या यह सही होगा? मैं कोई आतंकवादी नहीं हूं जो इस तरह का व्यवहार क्यों करना चाहते हैं? हालांकि यह परीक्षण अदालत में भी स्वीकार्य नहीं हैं।

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इससे पहले, मुंबई पुलिस ने जनवरी 2014 में एक 450 पृष्ठों का आरोप-पत्र दायर किया था। हालांकि, अक्टूबर 2013 में जिया की मां राबिया खान ने बंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और कहा था कि उनकी बेटी की हत्या हुई है और इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। जिसके बाद मामला सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया गया।

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सीबीआई ने कहा कि मुंबई पुलिस को मिला तीन पन्नों का पत्र जिया ने लिखा था, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर सूरज से ‘करीबी संबंध, शारीरिक दुर्व्यवहार और मानसिक तथा शारीरिक उत्पीड़न’ के बारे में लिखा था, जिसकी वजह से उसे आत्महत्या करनी पड़ी। अमेरिका में जन्मी जिया ने ‘निशब्द’, ‘गजनी’ और ‘हाउसफुल’ जैसी फिल्मों में अमिताभ बच्चन, आमिर खान, अक्षय कुमार और अन्य कलाकारों के साथ काम किया था। वहीं सूरज वर्ष 2015 की बॉलीवुड फिल्म ‘हीरो’ से अभिनेता के तौर पर सामने आए। वह आदित्य पंचोली और जरीना वहाब के बेटे हैं।

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फिर बढ़ी एल्विश यादव की मुश्किलें, ईडी ने दर्ज किया मनी लॉन्ड्रिंग का केस

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नई दिल्ली। बिग बॉस ओटीटी 2 विनर और यूट्यूबर एल्विश यादव की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। अब ईडी ने एल्विश के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सांपों के जहर सप्लाई से ही जुड़ा हुआ है। केंद्रीय एजेंसी ने पिछले महीने उत्तर प्रदेश में नोएडा पुलिस द्वारा एल्विश और अन्य लोगों के खिलाफ दायर एक एफआईआर और आरोप पत्र का संज्ञान लेने के बाद प्रिवेंशन मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।

इसके अलावा खबर ये भी है कि ईडी एल्विश यादव के साथ-साथ बड़े होटल रिसॉर्ट्स और फार्म हाउस के मालिकों से भी पूछताछ करेगी। बता दें कि नोएडा पुलिस द्वारा एल्विश यादव को गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल वह जमानत पर बाहर हैं। ईडी ने एल्विश पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है।

एल्विश यादव को वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत एक मामले में 17 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। सांप के जहर तस्करी मामले में एल्विश यादव गौतमबुद्ध नगर की बक्सर जेल में बंद थे। 17 मार्च को एल्विश को पांच अन्य लोगों के साथ पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इस मामले में पुलिस ने एक बैंकेट हॉल में छापा मारकर 4 सपेरों समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया था और 9 सांप और उनका जहर बरामद किया गया था। एल्विश यादव पर आरोप है कि वह रेव पार्टी के लिए सांपों के जहर का इंतजाम करते थे और सांपों का इस्तेमाल अपने वीडियो शूट के लिए भी करते थे।

दरअसल साल 2023 के अंत में पीपुल्स फॉर एनिमल संस्था के पदाधिकारी ने एल्विश यादव और उनके साथियों पर सांपों के जहर का इस्तेमाल और खरीद-फरोख्त का आरोप लगाते हुए सेक्टर-49 थाने में केस दर्ज कराया था। इसके बाद पुलिस ने पार्टी वाली जगह पर रेड की थी, जहां पांच सेपेरों के पास से कोबरा समेत नौ सांप और 20 एमएल जहर मिला था। इसके बाद कार्रवाई करते हुए पुलिस ने सभी को जेल भेज दिया था।

इसके बाद संस्था के पदाधिकारी का एक ऑडियो वायरल हुआ, जिसमें मुख्य आरोपी राहुल संस्था के पदाधिकारी से बात करता सुनाई देता है। इसमें राहुल कह रहा है कि वह एल्विश की ओर से आयोजित होने वाली पार्टियों में शामिल हो चुका है। राहुल पार्टियों में अपने अन्य सपेरे दोस्तों के साथ गया था। हालांकि, बाद में सभी को जमानत मिल गई थी। पुलिस टीम ने एल्विश यादव के कॉल डिटेल और सोशल मीडिया अकाउंट को खंगाला, जब उसके खिलाफ नोएडा पुलिस को पर्याप्त सबूत मिल गए तो पुलिस ने उसे नोटिस देकर पूछताछ के लिए दोबारा बुलाया। पूछताछ के बाद उसे नोएडा से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। पांच दिन तक जेल में रहने के बाद एल्विश जमानत पर छूट गया।

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