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जल्द मिलेगी खुशखबरी, होटल में खाने के लिए नहीं टटोलनी पड़ेगी जेब

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नई दिल्ली। होटल में खाना खाने वालों को अब ज्यादा जीएसटी नहीं देना पड़ेगा। इसके साथ ही छोटे कारोबारियों को जल्द ही टैक्स में राहत मिलने वाली है। राज्यों के वित्त मंत्रियों के एक पैनल ने जीएसटी काउंसिल से सिफारिश की है कि रेस्टोरेंट की दरों को सामान किया जाए।

जीएसटी में सरकार कंपोजिट स्कीम के तहत करदाताओं को बड़ी राहत दे सकती है। दिल्ली में आयोजित मंत्री समूह की बैठक के बाद बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ये जानकारी दी है कि इस कंपोजिट स्कीम के तहत होटल रेस्टोरेंट, मैन्युफैक्चरों और ट्रेडर्स को फायदा हो सकता है। असम के वित्त मंत्री हेमंत विश्वशर्मा की अध्यक्षता में आयोजित मंत्री समूह ने कर में राहत देने की अनुशंसा की है, लेकिन अंतिम फैसला 10 नवंबर को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिया जाएगा।

इस सिफारिश के लागू होने के बाद एसी और नॉन एसी रेस्टोरेंट में खाना सस्ता हो सकता है। यही नहीं लग्जरी होटल में ठहरने पर भी राहत देने की सिफारिश मंत्रीसमूह की ओर से की गई है। इसके मुताबिक 7500 रुपये से ज्यादा किराये के होटल में ठहरने पर भी राहत मिल सकती है। इस श्रेणी में 28 फीसदी से जीएसटी घटाकर 18 फीसदी तक करने की सिफारिश की है।

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अभी एसी रेस्टोरेंट में खाने के बिल पर 18 फीसदी जीएसटी लगता है। वहीं नॉन एसी रेस्टोरेंट में 12 फीसदी जीएसटी लगता है। सूत्रों के मुताबिक ज्यादातर राज्य एसी रेस्टोरेंट पर जीएसटी 18 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी करने के पक्ष में हैं।

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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