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जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवाद का संबंध सीमा पार घुसपैठ से : राष्ट्रपति

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नई दिल्ली, 29 जनवरी (आईएएनएस)| राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवाद का सीधा संबंध सीमा पार से हो रही घुसपैठ से है।

राष्ट्रपति ने बजट सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा, जम्मू एवं कश्मीर के आंतरिक हिस्सों में हो रही आतंकवादी गतिविधियों का सीधा संबंध सीमा पार से हो रही घुसपैठ से है।

राष्ट्रपति ने हालांकि, पाकिस्तान का नाम नहीं लिया।

उन्होंेने कहा, हमारे सशस्त्र बलों, अर्धसैनिक बलों और जम्मू एवं कश्मीर पुलिस के बीच बेहतर समन्वय है और वे हिंसा का करारा जवाब दे रहे हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग समाज की मुख्यधारा में शामिल होना चाहते हैं, सरकार के दरवाजे उनके लिए खुले हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि देश में आंतरिक सुरक्षा की स्थिति में सुधार हुआ है।

कोविंद ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में सुरक्षा हालात में सुधार हुआ है और वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) में कमी आई है।

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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