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छत्तीसगढ़ : जर्जर भवन में गढ़ा जा रहा बच्चों का भविष्य
जांजगीर/चांपा/डभरा, 17 नवंबर (आईएएनएस/वीएनएस)। छत्तीसगढ़ के जांजगीर/चांपा जिले के डभरा विकासखंड के ग्राम कुंदरूझांझ में आजादी के 70 साल बाद भी बच्चे उसी जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर हैं, जहां न तो पीने के पानी की सुविधा है और न ही सिर पर छत की। मौजूदा हाल तो ये बयां कर रही है कि कई सालों से वहां का निरीक्षण करने न तो जिला प्रशासन पहुंचा और न शासन।
प्रदेश में लगातार तीन बार से भाजपा की सरकार है, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह चौथी बार मुख्यमंत्री बनने के लिए ताल ठोक रहे हैं। प्रचार का पूरा ताम-झाम है, विज्ञापनों पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन विदेश से भरपूर निवेश आने की बाट जोही जा रही है। विकास के दावे में कहीं कोई कमी नहीं है। लेकिन ग्राम कुंदरूझांझ में पहुंच सड़क कच्ची है, पहुंच मार्ग में पुल-पुलिया का भी अभाव है। वहीं शासकीय प्राथमिक शाला भवन जर्जर होने के साथ छात्र-छात्राओं के लिए शौचालय और पेयजल की सुविधाएं भी नहीं है। ब्लॉक से 20 किलोमीटर दूर 700 की आबादी वाला यह गांव आज भी विकास की मुख्यधारा से कोसों दूर है।
ग्राम पंचायत मिरौनी के सचिव सतीश सिदार ने मौके पर पहुंचे वीएनएस की टीम को जानकारी दी कि गांव में शासकीय प्राथमिक विद्यालय सन 1973 से संचालित है, इस विद्यालय में कुल 20 छात्र-छात्राएं पढ़ाई करते हैं, जिसमें 8 बालिका, 12 बालक अध्ययनरत हैं, दो शिक्षिका हैं। 20 बच्चों के पीछे दो शिक्षक पदस्थ हैं।
विद्यालय को 44 साल बाद भी सुविधायुक्त भवन नहीं मिला है। विद्यालय में शौचालय तक नहीं है, पूर्व में निर्मित शौचालय जर्जर टूट-फूट चुका है। विद्यालय परिसर में हैंडपंप तीन माह से खराब है, पानी के लिए बच्चे दूर तक जाते हैं। विद्यालय में भोजन लकड़ी से पकाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि विद्यालय भवन और गांव की मूलभूत सुविधाओं के लिए ग्राम पंचायत से प्रस्ताव पारित कर जनपद पंचायत भेज दिया गया है।
ग्रामीण डमरूधर पटेल और राजू पटेल ने कहा कि गांव में कोई विकास नहीं हुआ है। जनप्रतिनिधियों ने भी गांव के विकास में कोई ध्यान नहीं दिया। गांव की गालियां बारिश में कीचड़ से भर जाती है, उरांव मोहल्ला में पेयजल की समस्या व सीसी रोड गांव में पहुंचने के लिए पक्की सड़क तक नहीं है। समस्याओं के बारे में क्षेत्रीय विधायक व प्रशासन को अवगत करा चुके हैं, समस्याएं जस की तस हैं।
वहीं दूसरी ओर विकासखंड के अधिकारियों को ये जानकारी ही नहीं है कि ग्राम पंचायत ने जर्जर भवन को नवनिर्माण के लिए प्रस्ताव जनपद पंचायत को भेज दिया है।
पूरे मामले पर सीईओ डभरा नितेश कुमार उपाध्याय ने कहा, शासकीय प्राथमिक शाला कुंदरूझांझ के विद्यालय भवन के बारे में उपअभियंता से जांच कराई जाएगी। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद अगर भवन की आवश्यकता हुई तो तत्काल ग्राम पंचायत से प्रस्ताव मंगाकर उच्चाधिकारियों को प्रेषित किया जाएगा।
वहीं विकास शिक्षा अधिकारी डभरा ताराचंद भोई ने कहा कि स्कूल का भवन अगर जर्जर होगा, तो ग्राम पंचायत से प्रस्ताव मंगवाकर जिला पंचायत को स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा।
राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है। संभव है, जो काम चौदह साल में नहीं हो सका, अब हो जाए। शायद किसी बड़े नेता या मंत्री की कृपादृष्टि इस गांव पर भी हो जाए, आखिर वोट तो चाहिए न!
नेशनल
मणिशंकर अय्यर के पाक प्रेम पर बीजेपी का पलटवार, कही ये बात
नई दिल्ली। बीजेपी ने मणिशंकर अय्यर के उस बयान पर कांग्रेस पर निशाना साधा है जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान को सम्मान दिए जाने की जरुरत है क्योंकि उसके पास एटम बम है। केंद्रीय मंत्री राजीव चंदशेखर ने कहा कि धीरे-धीरे कांग्रेस और राहुल गांधी की विचारधारा देश के सामने साफ हो रही है। इन लोगों की विचारधारा पाकिस्तान और पाकिस्तान के आतंकवादियों की समर्थक बन गई है। मैं पूरी तरह से आश्वस्त हूं कि ये लोग मणिशंकर अय्यर के बयान से खुद को अलग कर लेंगे। जैसे इन लोगों ने दिग्विजय सिंह के बयान से खुद को अलग कर लिया था।
वहीं बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि ‘अब कांग्रेस भारत में आतंकवादी भेजने वाले पाकिस्तान को इज्जत देने की बात कर रही है। कांग्रेस का हाथ आतंकवादियों एवं पाकिस्तान के साथ दिख रहा है और अब इसका एक और प्रमाण सामने आ गया।’ उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने पाकिस्तान को ऐसा सबक सिखाया है कि वह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर गिड़गिड़ा रहा है।
पूनावाला ने मणिशंकर अय्यर के बयान को लेकर गांधी परिवार और कांग्रेस पर सवाल खड़ा करते हुए कहा, ‘कांग्रेस परिवार के करीबी मणिशंकर अय्यर जो कि पीएम मोदी को हटाने के लिए एक बार पाकिस्तान से मदद मांगने भी गए थे। अब वह पाकिस्तान की ताकत और उसके परमाणु बम को दिखा रहे हैं। मणिशंकर अय्यर, भारत में आतंकवादी भेजने वाले पाकिस्तान को इज्जत देने की बात कर रहे हैं, जबकि इसी कांग्रेस के नेता हमारी सेना के लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करते हैं। मणिशंकर अय्यर हमारी सेना के बंदूक लेकर घूमने, मोदी सरकार द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक कर पाकिस्तान को सबक सिखाने जैसे कदमों की बजाय यह चाहते हैं कि भारत अपनी सुरक्षा के लिए कदम न उठाए।’
बीजेपी प्रवक्ता ने कि कांग्रेस सरकार के समय मुंबई में 26/11 के भयानक आतंकी हमले के बाद भी मनमोहन सिंह की सरकार ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के बजाय उसे मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दे दिया था। उन्होंने कहा, ‘उनकी सरकार के समय लगातार आतंकी घटनाएं होती थीं और भारत अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर मदद की गुहार लगाया करता था। लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने जिस तरह से पाकिस्तान को सबक सिखाने का काम किया है, उसके बाद अब हालत यह हो गई है कि पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर गिड़गिड़ाना पड़ रहा है।’
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