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अन्तर्राष्ट्रीय

चीन में पहली सेना दिवस परेड

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बीजिंग, 30 जुलाई (आईएएनएस)| चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की स्थापना के 90 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में रविवार को भीतरी मंगोलिया के एक सैन्य अड्डे पर पहली बार सेना दिवस परेड का आयोजन किया गया।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ न्यूज के मुताबिक, परेड झुरिहे सैन्य अड्डे पर आयोजित की गई।

देश की सैन्य क्षमता प्रदर्शित करने के लिए पारंपरिक मिसाइलों, परमाणु मिसाइलों समेत सबसे घातक और विध्वंसक हथियारों का प्रदर्शन किया गया।

जमीन पर मौजूद सभी वाहन कम्युनिस्ट चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी), देश और सेना का झंडा लिए चल रहे थे।

साल 1949 में साम्यवादी क्रांति के बाद से चीन पहली बार सैन्य परेड के साथ सेना दिवस मना रहा है, जो औपचारिक रूप से एक अगस्त को होता है।

राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एक खुली जीप में सवार होकर सैन्य बलों का निरीक्षण किया।

उन्होंने कहा कि सीपीसी और चीन के लोगों को पीएलए पर गर्व है।

शी ने कहा, इतिहास ने यह साबित कर दिखाया है कि पीएलए जांबाज वीरों की सेना है, जिसने पार्टी के आदेश का पालन किया है, वफादारी के साथ देश की सेवा की है और चीनी राष्ट्र के महान कायाकल्प के लिए लड़े हैं।

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अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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