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चित्रकूट : बस में करंट से 3 की मौत, 4 झुलसे
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिला मुख्यालय में बुधवार को सहायक परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) के दफ्तर के पास तीर्थ यात्रियों से भरी एक बस में करंट आ जाने से तीन लोगों की मौत हो गई और अन्य चार झुलस गए। घायलों को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। चित्रकूट की जिलाधिकारी ने यह जानकारी गुरुवार को दी।
जिलाधिकारी नीलम अहलावत ने बताया कि मध्य प्रदेश की एक निजी बस तीर्थ यात्रियों को लेकर इलाहाबाद जा रही थी। चित्रकूट जिला मुख्यालय में हाइवे के पास सहायक परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) दफ्तर के पास बस खड़ी कर चालक दफ्तर में कागजात दिखाने चला गया। इसी बीच परिचालक (कंडक्टर) रज्जू उर्फ नेता (22) बस की छत पर चढ़कर यात्रियों को खाना निकाल कर देते समय बस के ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन बिजली लाइन की चपेट में आ गया, जिससे उसकी मौत हो गई।
जिलाधिकारी ने बताया कि करंट पूरी बस में आ गया था, जिससे उसमें सवार लखन (50) भंवर सिंह और बब्बू (52) दशरथ की भी मौत हो गई। जबकि आशा (35), रन्नो (40) व राजेंद्र (58) झुलस कर घायल हो गए। नीलम ने बताया कि एक घायल को इलाहाबाद रेफर किया गया है, जबकि तीन का उपचार यहां के सरकारी अस्पताल में चल रहा है।
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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