खेल-कूद
गेमिंग सेक्टर की जरूरतें पूरी करेगा एआईजीएफ
नई दिल्ली| ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (एआईजीएफ) गेमिंग उद्योग से जुड़े विभिन्न मुद्दों के समाधान के लिए आगे आया है। इसके तहत गेमिंग उद्योग से जुड़े विभिन्न हितधारकों के बीच चर्चा को बढ़ावा देने के लिए मंच, अनुसंधान एवं नीतिगत हस्तक्षेप पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
एआईजीएफ में गेम ऑपरेटर, खिलाड़ी, सामाजिक कार्यकर्ता, अधिवक्ता, अर्थशास्त्री, नीति विश्लेषक, उद्योग जगत के विशेषज्ञ, कानूनी एवं सलाहकार फर्मे, प्रोद्यौगिकी कंपनियां, गेमिंग डिजाइनर, पेमेंट गेटवे वेंडर, गेमिंग ब्लॉगर और जिम्मेदार गेमिंग कंपनियां शामिल होंगी।
भारत में गेमिंग उद्योग के सकारात्मक पहलुओं पर जोर देने के लिए नई दिल्ली में एआईजीएफ का आधिकारिक लॉन्च किया गया, जिस पर विभिन्न क्षेत्रों के प्रख्यात दिग्गजों के द्वारा एक पैनल चर्चा के माध्यम से रोशनी डाली गई। इन दिग्गजों में, कीर्ति आजाद (पूर्व क्रिकेटर एवं लोकसभा सांसद), हांगकांग के एशिया गेमिंग ब्रीफ की प्रबंध निदेशक रोजालिंड वाडे और रणजीत सिन्हा (सीबीआई के पूर्व निदेशक) शामिल थे। इन सबने वीडियो कान्फ्रें सिंग के माध्यम से चर्चा में हिस्सा लिया।
जुआ और सट्टेबाजी भी गेम है। वर्ष 2010 की केपीएमजी रिपोर्ट के अनुसार, भारत में जुए और सट्टेबाजी का कारोबार 60 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक मूल्य का है जिसका एक बड़ा हिस्सा गैर-कानूनी है। हाल ही में इंटरनेशनल सेंटर फॉर स्पोर्ट्स सिक्योरिटी द्वारा पेश की गई। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सट्टेबाजी का बाजार 130 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य का है।
एफआईसीसीआई के अनुमान के अनुसार कानूनी जुए और सट्टेबाजी की राजस्व क्षमता तकरीबन 20,000 करोड़ रुपये हो सकती है। चूंकि जुआ पीड़ित रहित अपराध है और 1867 के कानून को गंभीरता से लागू नहीं किया गया है, ऐसे में भारत के राजकोषीय घाटे में राहत पाने के लिए इस गतिविधि को कानूनी बनाना उचित होगा।
इस गतिविधि से आने वाले धन का इस्तेमाल सामाजिक एवं बुनियादी संरचना से जुड़ी योजनाओं एवं खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए किया जा सकता है।
एआईजीएफ के सीईओ रोलैंड लैंडर्स ने एआईजीएफ के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उद्योग जगत के सामने आने वाली समस्याओं का समाधान, एफडीआई का भत्ता और प्रोद्यौगिकी सहयोग, जिम्मेदाराना गेमिंग को बढ़ावा देना, खिलाड़ी की सुरक्षा को सुनिश्चित करना और गेमिंग उद्योग के लिए नए मार्ग प्रशस्त करना है। इससे देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
उन्होंने कहा, “गेमिंग उद्योग में सरकारी खजाने में राजस्व बढ़ाने की अपार क्षमता है, बशर्ते कि इस पर निष्पक्ष नियंत्रण रखा जाए और इसके लिए उचित दरों पर कराधान तय किया जाए। कौशल से जुड़े खेल (गेम ऑफ स्किल) और मौके से जुड़े खेल (गेम ऑफ चांस) के बीच एक बुनियादी अंतर है।
वर्ष 1967 में आंध्रप्रदेश राज्य बनाम आर सत्यनारायण के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि रम्मी एक ऐसा खेल है, जिसमें पर्याप्त कौशल की आवश्यकता होती है। 1996 में के आर लक्ष्मणन बनाम तमिलनाडु राज्य के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि घोड़े की दौड़ पर दांव लगाना महज कौशल का खेल है।
इसी तरह पोकर को भी कर्नाटक, कोलकाता के न्यायालयों, पश्चिम बंगाल के विधान एवं हाल ही में नगालैंड में कौशल के खेल के रूप में मान्यता दी गई है। बहुत से लोग इस बात से अनजान हैं कि पोकर, रम्मी और फैंटेसी क्रिकेट जैसे खेलों को पहले से कानूनी तौर पर मान्यता दे दी गई है। हालांकि इनमें पैसा दांव पर लगाया जाता है।
कानूनी सट्टेबाजी प्रतिष्ठित गेमिंग कंपनियों को बाजार में प्रवेश करने और आपराधिक तत्वों पर अंकुश लगाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसके अलावा अंडरवल्र्ड को जाने वाली धनराशि पर भी रोक लगेगी, जिसका इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों में किया जाता है।
खेल-कूद
IPL 2024: खिताबी मुकाबले में आज भिड़ेंगे कोलकाता और हैदराबाद
चेन्नई। IPL के फाइनल मुकाबले में आज कोलकाता नाइट राइडर्स और सनराइजर्स हैदराबाद की टीमें आमने सामने होंगी। कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम शानदार फॉर्म में है। लीग स्टेज में 14 में से 9 मैच जीतकर 20 अंकों के साथ पहले नंबर पर रही। क्वालिफायर-1 में उसने सनराइजर्स को हराया। उसके पास तीसरी बार चैंपियन बनने का मौका है।
वहीं सनराइजर्स हैदराबाद की टीम अंक तालिका में 14 मैच में 8 जीत के साथ दूसरे नंबर पर रही थी। प्लेऑफ-1 में कोलकाता से हारने के बाद क्वालिफायर-2 में राजस्थान रॉयल्स को हराकर फाइनल में पहुंची। उसके पास चैंपियन बनने दूसरा मौका है। कोलकाता ने आखिरी बार 2014 में गौतम गंभीर के नेतृत्व में आईपीएल खिताब जीता था, जो अब फ्रेंचाइजी के मेंटर हैं।
वहीं, सनराइजर्स हैदराबाद ने 2016 में डेविड वार्नर की अगुवाई में खिताब हासिल किया। श्रेयस अय्यर की अगुवाई वाली टीम मैच में मजबूत आत्मविश्वास के साथ उतरेगी। यह तीसरा मौका होगा जब दोनों टीमें सीजन में आमने-सामने है। आमने-सामने की लड़ाई में कोलकाता का पलड़ा भारी है। अब तक दोनों टीमों के बीच कुल 27 मुकाबले हुए। इनमें से 18 मुकाबले कोलकाता ने और 9 मुकाबले हैदराबाद ने जीते।
इस फाइनल मुकाबले की खास बात यह है कि जहां एक तरफ हैदराबाद के पास उनकी तूफानी बैटिंग लाइन-अप है, वहीं दूसरी तरफ कोलकाता की खतरनाक स्पिन जोड़ी, सुनील नारायण और वरुण चक्रवर्ती, जो किसी भी मजबूत बैटिंग लाइन-अप को तोड़ने का माद्दा रखती है। अगर हैदराबाद की बात करे तो गेंदबाज़ी लाइन अप में भुवनेश्वर कुमार कोलकाता के विरुद्ध अहम भूमिका निभा सकते हैं। कुल मिलाकर यह मुकाबला कांटे की टक्कर का होने वाला है, लेकिन पसंदीदा कोलकाता मानी जा रही है।
संभावित प्लेइंग 11
सनराइजर्स हैदराबाद : पैट कमिंस (कप्तान), ट्रैविस हेड, राहुल त्रिपाठी, हेनरिक क्लासेन (विकेटकीपर), अब्दुल समद, एडन मार्करम, अभिषेक शर्मा, नीतीश रेड्डी, भुवनेश्वर कुमार, टी नटराजन और मयंक मारकंडे।
कोलकाता नाइट राइडर्स : श्रेयस अय्यर (कप्तान), रहमनुल्लाह गुरबाज (विकेटकीपर), रिंकू सिंह, रमनदीप सिंह, वेंकटेश अय्यर, सुनील नारायण, आंद्रे रसल, हर्षित राणा, वैभव अरोड़ा, मिचेल स्टार्क और वरुण चक्रवर्ती।
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