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मुख्य समाचार

कर्नाटक, गुजरात में मैगी की बिक्री पर लगी रोक हटी

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बेंगलुरू/अहमदाबाद। कर्नाटक और गुजरात सरकार ने राज्य में मैगी नूडल्स की बिक्री पर लगा प्रतिबंध सोमवार को हटा लिया।
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री यू.टी. खादेर ने मैगी से बैन हटने की जानकारी दी। मंत्री ने कहा, “चूंकि खाद्य पदार्थो की जांच करने वाली किसी भी प्रयोगशाला ने मैगी नूडल्स में लेड और मोनोसोडियम की मात्रा अधिक नहीं बताई है, इसलिए राज्य में इसकी बिक्री पर लगा प्रतिबंध तुरंत प्रभाव से हटा लिया गया है।”

बाद में गुजरात सरकार ने भी मैगी नूडल्स की बिक्री पर लगा प्रतिबंध हटा लिया। गुजरात खाद्य एवं औषधि नियंत्रण प्राधिकरण (एफडीसीए) के आयुक्त एच.जी. कोशिया ने कहा कि राज्य सरकार ने बम्बई उच्च न्यायालय के आदेश पर इसी वर्ष जून में मैगी नूडल्स पर लगा प्रतिबंध हटा लिया है। मैगी नूडल्स में लेड और मोनोसोडियम ग्लुटामेट (एमएसजी) की मात्रा अधिक पाए जाने की खबर आने के बाद एफडीसीए ने जून की शुरुआत में इसकी बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी, जिसे सरकार ने मान ली थी। राज्य में मैगी नूडल्स की बिक्री सितंबर तक पूरी तरह प्रतिबंधित रही। कोशिया ने मीडियाकर्मियों से कहा कि मध्य अगस्त में बम्बई उच्च न्यायालय ने जब मैगी नूडल्स की बिक्री की छूट दे दी, तब एफडीसीए ने भी राज्य सरकार से प्रतिबंधित हटाने की सिफारिश की।

न्यायमूर्ति वी.एम. कनाडे और बी.पी. कोलाबावाला की बम्बई उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने खाद्य सुरक्षा एवं भारतीय मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के पांच जून के आदेश को दरकिनार करते हुए मैगी नूडल्स की बिक्री की छूट दी थी। साथ ही कंपनी को निर्देश दिया था कि वह नूडल्स के अपने नमूनों की फिर से जांच कराए। निर्देश में कंपनी को पंजाब, हैदराबाद और जयपुर स्थित स्वतंत्र प्रयोगशालाओं में छह हफ्ते के भीतर जांच कराने को कहा गया था।

पिछले शुक्रवार को नेस्ले कंपनी ने घोषणा की थी कि नूडल्स के नमूने तीनों प्रयोगशालाओं में 100 फीसदी पास किए गए।

नेशनल

पुणे पोर्श कार केस : आरोपी की मां गिरफ्तार, बेटे के बदले अपना ब्लड सैंपल देने का है आरोप

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पुणे। पुणे पोर्श कार केस में नाबालिग आरोपी की मां को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने इसकी जानकारी दी है। नाबालिग आरोपी की मां पर अपने बेटे का ब्लड सैंपल बदलने के लिए अपना ब्लड सैंपल देने का आरोप है। पुलिस ने कोर्ट में कहा कि नाबालिग आरोपी का ब्लड सैंपल उसकी मां ने अपने ब्लज सैंपल से बदल दिया था, ताकि यह दिखाया जा सके कि घटना के वक्त वह नशे में नहीं था। साथ ही कुछ दिन पहले ही आरोपी की मां का एक वीडियो वायरल हुआ था। जहां उन्होंने पुलिस से अनुरोध किया था कि वो उसके बेटे की रक्षा करे। आरोपी की मां ने वीडियो में कहा था कि जो वीडियो वायरल हो रहा है वो उसके बेटे का नहीं है बल्कि किसी और का है।

बता दें कि पुणे के कल्याणी नगर में 19 मई को ‘पोर्श’ कार के 17 वर्षीय चालक ने मोटरसाइकिल सवार दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को टक्कर मार दी थी। इस हादसे में दोनों की मौत हो गई थी। पुलिस ने दावा किया कि आरोपी नशे की हालत में कार चला रहा था। मामले के 17 वर्षीय आरोपी को एक सुधार गृह में भेज दिया गया, जबकि उसके पिता एवं रियल एस्टेट कारोबारी विशाल अग्रवाल और दादा सुरेंद्र अग्रवाल को परिवार के वाहन चालक का कथित तौर पर अपहरण करने और उस पर हादसे की जिम्मेदारी लेने का दबाव बनाने के लिए गिरफ्तार किया गया है।

इससे पहले न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ए ए पांडे की अदालत ने दो डॉक्टरों, डॉ. श्रीहरि हरनोर और डॉ. अजय तवारे के साथ-साथ अस्पताल के एक कर्मचारी अतुल घाटकांबले को 30 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया था। ससून जनरल अस्पताल के दो डॉक्टरों और एक कर्मचारी को किशोर के ब्लड सैंपल में हेरफेर करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था ताकि यह दिखाया जा सके कि दुर्घटना के समय वह नशे में नहीं था। अभियोजन पक्ष ने कहा कि किशोर के पिता ने डॉक्टरों में से एक को बुलाया था और उसे नमूने बदलने के लिए कहा था, साथ ही पुलिस यह जांच करना चाहती थी कि नमूनों में हेरफेर करने के निर्देश किसने दिए थे।

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