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केरल : विपक्ष आहूत बंद से जनजीवन अस्तव्यस्त
तिरुवनंतपुरम, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)| केरल में कांग्रेस नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) द्वारा राज्य और केंद्र की ‘जन विरोधी नीतियों’ के खिलाफ सोमवार को सुबह से शाम तक के लिए आहूत बंद के कारण जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया।
राज्य में दुकानें बंद रहीं और निजी बसें सड़कों से नदारद रहीं। हालांकि पुलिस सुरक्षा के बीच सरकारी बसें चलती नजर आईं। राज्य के प्रमुख शहरों और कस्बों में व्यापारिक प्रतिष्ठान भी बंद रहे।
यूडीएफ ने केरल की पिनाराई विजयन सरकार और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ बंद का आह्वान किया था।
साथ ही यह बंद पेट्रोलियम पदार्थो और रसोई गैस की बढ़ती कीमतों के विरोध में भी किया गया है।
यूडीएफ के अध्यक्ष और विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीथाला ने कहा कि यह बंद शांतिपूर्ण ढंग से आयोजित किया जाएगा।
बंद के पहले तीन घंटों में किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है। हालांकि कुछ स्थानों पर कुछ प्रदर्शनकारियों ने उपद्रव मचाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें हिरासत में ले लिया गया।
केरल सरकार ने चेतावनी दी है कि किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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