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मनोरंजन

केतन, ओनिर ‘इंडिया फिल्म प्रोजेक्ट’ के ज्यूरी

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कोलकाता। फिल्मकार केतन मेहता और ओनिर को इस साल के इंडिया फिल्म प्रोजेक्ट (आईएफपी) के निर्णायक मंडल के सदस्य मनोनीत किए गए हैं। इसे एशिया का सबसे बड़ा फिल्म निर्माण उत्सव कहा जाता है। इंडिया फिल्म प्रोजेक्ट 18 से 26 सितंबर तक अहमदाबाद में आयोजित होगा। इसमें 18 देशों के 15,000 फिल्मकारों के काम को प्रदर्शित किया जाएगा।

पिछले चार वर्षो में 21,000 से अधिक फिल्मकार आईएफपी का हिस्सा बन चुके हैं और उन्होंने 1,500 फिल्में बनाई हैं। आईएफपी के अनुसार, यह फिल्म निर्माण उत्सव एक फिल्मकार को विषय की घोषणा होने के बाद महज 50 घंटों में एक लघु फिल्म की पटकथा लिखने, उसे फिल्माने, संपादित करने और सौंपने की चुनौती देता है। वहीं, केतन मेहता ने एक बयान में कहा, “मैं आईएफपी के निर्णायक मंडल का हिस्सा बनने को लेकर खुश हूं। नई प्रतिभा को परखने का अनुभव कमाल का होगा। मेरे ख्याल से यह अनोखी संकल्पना है। मैं जुनूनी फिल्मकारों द्वारा महज 50 घंटों में तैयार किए उनके काम को देखने को लेकर उत्साहित हूं।”

प्रादेशिक

सीएम सुक्खू के मंत्री का विवादित बयान, कहा- कंगना को कोई बिना मेकअप देख ले तो दूसरी बार नहीं देखेगा

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नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश सरकार में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कंगना रनौत के चेहरे को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की है, जिसके बाद उनका काफी विरोध हो रहा है। उन्होंने कहा कि कंगना रनौत अपने कार्यक्रमों में मेकअप करके आती है। मेकअप वाली टीम भी हमेशा उनके साथ रहती है। मेकअप को देख ही लोगों की भीड़ उन्हें देखने आती है। अगर सुबह के समय कोई व्यक्ति कंगना को बिना मेकअप देख लें तो दूसरी बार नहीं देखेगा।

उधर कंगना ने भी नेगी केइस बयान पर पलटवार किया है। कंगना ने कहा कि उन्होंने फिल्मों में बिना मेकअप के भी रोल निभाए हैं। आज अगर वह अच्छे कपड़े पहनकर और पाउडर-लिपस्टिक लगाकर जनता से मिलना चाहती हैं तो उसमें भी यह आपत्ति जताते हैं। कंगना ने आगे कहा कि उन्हें समझ नहीं आता कि शक्ल से उनको क्या परेशानी हो गई। क्या इनके खूबसूरत चेहरों पर वोट दिए हैं। सुक्खू जी को लगता है उनकी खूबसूरत शक्ल पर वोट मिले हैं।

कंगना ने आगे कहा कि राजनीति में एक भाव है और यह भाव किसी में भी आ सकता है। किसी का चेहरा कैसा है या आपकी उम्र और लिंग क्या है यह देश इस सबसे बाहर निकलकर काफी आगे जाना चाहता है। ये देश की बहनों को काली-पीली और उनकी शक्ल को लेकर बातें करते हैं। उन्हें मेरी शक्ल से क्या लेना-देना। मेरी शक्ल चाहे जैसी भी हो जब तक मैं बुजुर्गों भाइयों, माता-बहनों और बच्चों की सेवा में तत्पर हूं तो मेरी शक्ल से तुम्हें क्या लेना-देना। आपको बता दें कि कंगना अलग-अलग इलाकों में जाकर वहां की वेशभूषा पहन रही हैं।

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