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मुख्य समाचार

केजरीवाल को ‘भ्रामक सूचना’ देने के मामले में जमानत

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केजरीवाल को चुनावी हलफनामे मामले में जमानत मिली

नई दिल्ली | दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने शनिवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 2013 के विधानसभा चुनाव से पहले हलफनामे में कथित तौर पर ‘भ्रामक सूचना’ देने के मामले में जमानत दे दी है। महानगर दंडाधिकारी आशीष गुप्ता ने केजरीवाल के अधिवक्ताओं ऋषिकेश कुमार और इरशाद द्वारा पेश की गई याचिका को स्वीकार करते हुए उन्हें जमानत दे दी।

अदालत ने केजरीवाल को 10,000 रुपये का निजी बांड भरने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई सात अप्रैल, 2017 को होगी।

एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ने केजरीवाल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्होंने अपने सही पते की जानकारी छिपाकर और अपनी संपत्ति के बारे में गलत जानकारी देकर जानबूझकर चुनाव आयोग को भ्रमित किया। एनजीओ की याचिका पर केजरीवाल के खिलाफ समन जारी किया गया था, जिस पर वह अदालत में पेश हुए।

अदालत ने कहा कि सही पते की जानकारी छिपाने के लिए हलफनामे में गलत पता देना और संपत्ति का गलत ब्यौरा देने का मामला प्रथम दृष्टया जानबूझकर किया गया लगता है। इस तरह जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125ए के तहत (गलत हलफनाम दायर करने के लिए दंड) और भारतीय दंड संहिता की धारा 177 (गलत जानकारी देना) के तहत आरोपी अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए पर्याप्त आधार हैं।

यह शिकायत एनजीओ मौलिक भारत ट्रस्ट ने दर्ज कराई थी। इस एनजीओ से जुड़े नीरज सक्सेना और अनुज अग्रवाल ने आरोप लगाया था कि केजरीवाल ने अपनी संपत्ति के बारे में गलत जानकारी दी और जानबूझकर गाजियाबाद के इंदिरापुरम में अपने घर का गलत पता दर्ज कराया।

याचिका में दलील दी गई है कि जानबूझकर सही पते की जानकारी छिपाना और अपनी संपत्ति का सही ब्यौरा उजागर नहीं करना जनप्रतिनिधि कानून अधिनियम 1951 की धारा 125ए के तहत अपराध है और इसके तहत छह महीने की सजा या जुर्माना या दोनों हो सकता है।

चुनाव मैदान में उतरने वाले सभी उम्मीदवारों को चुनाव आयोग में संपत्ति और निवेश के बारे में सही ब्यौरा के साथ हलफनामा दाखिल करना होता है।

नेशनल

सामने आई स्वाति मालीवाल की मेडिकल रिपोर्ट, शरीर के इन हिस्सों पर चोट के निशान

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नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ हुई मारपीट के बाद उनका एम्स में मेडिकल टेस्ट कराया गया था, जिसकी रिपोर्ट आ गई हैं। रिपोर्ट देखकर पता चलता है कि स्वाति के शरीर पर चार जगह चोट लगी थी। एम्स की रिपोर्ट में सामने आया है कि स्वाति मालीवाल को ‘बाएं पैर के थाइस’ पर 3×2 सेंटीमीटर के आकार की चोट थी और उनके ‘दाहिनी आंख के नीचे दाहिने गाल’ पर 2×2 सेंटीमीटर आकार की एक और चोट थी।

एम्स के डॉक्टर आनंद गंगदेव द्वारा बनाई गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मरीज द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक सीएम के आवास पर 13 मई को उनपर परिचित व्यक्ति ने हमला किया था. उन्हें कई बार थप्पड़ मारे गए और उनके सिर पर कठोर वस्तु से हमला किया गया और वह जमीन पर गिर गईं. उनके पेट, पेल्विस और चेस्ट पर पैर से कई बार मारा गया. मरीज फिलहाल जांघ और पेल्विस एरिया में दर्द की शिकायत कर रहा है।

सीएम केजरीवाल के आवास से विभव कुमार गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने सीएम केजरीवाल के आवास से विभव कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें सिविल लाइन्स थाने लेकर जाया गया है। दिल्ली पुलिस को पहले ही बिभव कुमार के सीएम हाउस में होने का इनपुट मिला था। सूचना के बाद पुलिस टीम में एसएचओ सिविल लाइंस और एडिशनल डीसीपी नॉर्थ सीएम आवास पर पहुंचे थे। सूचना मिलने के बाद एक गाड़ी सीएम हाउस में पहुंची थी। दिल्ली पुलिस की टीम जब सीएम हाउस पर पहुंची तब वहां पर पहले से ही गेट खुले हुए थे। इस गाड़ी को गेट पर नहीं रोका गया और गाड़ी सीधा सीएम हाउस में चली गई। गाड़ी के लिए पहले से सीएम हाउस में मैसेज था। इसके बाद दिल्ली पुलिस की टीम सीधे सीएम हाउस में गई और फिर वहां से बिभव कुमार को गिरफ्तार कर लिया।

बता दें कि गिरफ्तारी से पहले ही बिभव कुमार ने एक मेल किया था, जिसमें उसने हर जांच के लिए साथ देने की बात कही थी। अपने मेल में बिभव कुमार ने लिखा कि ‘मैं हर जांच में सहयोग को तैयार हूं। मुझे मीडिया के माध्यम से FIR दर्ज होने के बारे में जानकारी हुई। अभी तक मुझे एफआईआर के बाद कोई नोटिस नहीं दिया गया है। मेरी शिकायत पर भी दिल्ली पुलिस संज्ञान ले।’

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