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केजरीवाल के पूर्व मुख्य सचिव अदालत में पेश हुए

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नई दिल्ली, 19 जनवरी (आईएएनएस)| दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पूर्व मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार एवं अन्य शुक्रवार को भ्रष्टाचार के एक मामले में यहां की एक अदालत में पेश हुए। कुमार दिसंबर 2017 में उनके खिलाफ जारी समन के आधार पर केंद्रीय जांच ब्यूरो के न्यायाधीश अरविंद कुमार के समक्ष उपस्थित हुए।

1989 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी राजेन्द्र कुमार पर अपने पद का दुरुपयोग कर दिल्ली सरकार के 9.5 करोड़ रुपये के ठेके को एक निजी कंपनी इंडेवर सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड(ईसीपीएल) को देने का आरोप है।

भ्रष्टाचार के इस मामले में उन्हें चार जुलाई, 2016 को गिरफ्तार किया गया था और 26 जुलाई, 2016 को उन्हें जमानत मिल गई थी।

उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कार्यकाल से पहले के इस मामले में सभी आरोपों से इंकार किया है।

मामले के अन्य आरोपियों में इंटेलिजेंट कम्युनिकेशन सिस्टम इंडिया लिमिटेड(आईसीएसआईएल) के प्रबंध निदेशक आर. एस. कौशिक और पूर्व प्रबंध निदेशक जी.के. नंदा, कुमार के सहयोगी अशोक कुमार, इंडेवर सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक संदीप कुमार और दिनेश कुमार गुप्ता, वैट विभाग के पूर्व सहायक निदेशक तरुण शर्मा और माइक्रोसॉफ्ट के कर्मचारी जयदेव राठ और मुकेश मेहता के नाम शामिल हैं। ये सभी शुक्रवार को अदालत के समक्ष पेश हुए।

अदालत ने माइक्रोसॉफ्ट के कर्मचारी जयदेव राठ और मुकेश मेहता को यह देखते हुए जमानत दे दी कि दोनों को मामले की जांच के दौरान गिरफ्तार नहीं किया गया था और जब भी जरूरत पड़ी, उन्होंने जांच में सहयोग किया।

अदालत ने दोनों को एक लाख रुपये के निजी मुचलके और उतनी ही राशि की जमानत जमा करने के आदेश दिए और बिना आज्ञा देश नहीं छोड़ने के आदेश दिए।

अदालत ने आरोपियों को आरोपपत्र की प्रति मुहैया कराने के सीबीआई को आदेश दिए और इस मामले की अगली सुनवाई 28 फरवरी मुकर्रर कर दी।

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नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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