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केंद्र को एक फरवरी को बजट पेश करने से रोके आयोग : मायावती
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने जहां निर्वाचन आयोग द्वारा उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की घोषणा का स्वागत किया है। वहीं प्रदेश की सत्ता पर काबिज सपा सरकार द्वारा विधान सभा चुनाव में सरकारी मशीनरी के दुरूपयोग की आशंका जताई है।
बसपा सुप्रीमो ने चुनाव आयोग से अपील की है कि निष्पक्ष चुनाव के लिए वह केन्द्र सरकार को एक फरवरी को आम बजट पेश करने से रोके। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि बसपा उप्र, उत्तराखण्ड और पंजाब तीनों राज्यों में अकेले दम पर चुनाव लड़ेगी। किसी राजनीतिक दल से गठबंधन नहीं करेगी। पार्टी मुखिया मायावती अपने जारी बयान में कहा कि उ.प्र. जैसे बड़े राज्य में स्वतन्त्र, निष्पक्ष व शान्तिपूर्ण चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा सात चरणों में मतदान कराए जाने का फैसला स्वागत योग्य है।
हालांकि साथ ही सपा सरकार की लचर कानून व्यवस्था पर निशाना साधते हुए यह आशंका जताई कि उप्र की सपा सरकार सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर सकती है। उन्होंने कहा कि सपा सरकार के शासनकाल में अराजकता एवं जंगलराज का दौर लगातार जारी है। प्रदेश सरकार पुलिस व प्रशासन को संकीर्ण राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति के लिए लगातार इस्तेमाल करती है। ऐसे में इस काम चलाऊ सरकार द्वारा सरकारी मशीनरी के दुरूपयोग की आशंका है।
निर्वाचन आयोग से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि उप्र में स्वतन्त्र, निष्पक्ष चुनाव हो इसके लिए जरूरी है कि यहां केन्द्रीय सुरक्षा बलों की अधिक से अधिक तैनाती हो तथा स्थानीय पुलिस पर भी कड़ी नजर रखी जाए।
बसपा मुखिया ने कहा कि केंद्र सरकार एक फरवरी को आम बजट पेश करने वाली है। जिसमें मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए लोक लुभावन योजनाएं पेश सकती हंै। इसलिए चुनाव आयोग केन्द्र सरकार को एक फरवरी को आमबजट पेश नहीं करने के लिए निर्देशित करे, ताकि निष्पक्ष चुना हो सके।
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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