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मनोरंजन

काश! संगीत कलाकारों का बीमा हो जाए : शुभा मुद्गल

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शुभा मुद्गल

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शुभा मुद्गलमुदिता गिरोत्रा 

नई दिल्ली| हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायिका शुभा मुद्गल का कहना है कि अगर युवा कलाकारों का बीमा हो जाए, तो वे संगीत को एक स्थाई पेशे के तौर पर अपनाने में दिलचस्पी ले सकते हैं।  शुभा ने आईएएनएस से खास मुलाकात में कहा, “बहुत सारे युवा संगीत के प्रति समर्पित हैं। मुद्दा यह है कि संगीत को कैसे इनके लिए पूर्णकालिक पेशा बनाया जाए।”

उन्होंने कहा, “एक समाज के रूप में हमें इन युवा संगीतकारों के साथ होना चाहिए और यह जानना चाहिए कि उन्हें क्या खुश रख सकता है। केवल प्रशंसा नहीं, बल्कि कलाकार को अन्य तरीकों से भी बताया जाना चाहिए कि उसकी कीमत है। मिसाल के लिए, कहीं यह प्रयास दिखता भी है कि कलाकारों को मेडिकल इंश्योरेंस मुहैया कराया जाना चाहिए?”

जानी-मानी गायिका ने कहा, “अन्य संगठनों में काम करने वालों का मेडिकल बीमा होता है। लेकिन, भारत में बहुत बड़ी संख्या में संगीतकार इससे वंचित हैं। इसी तरह जब हम मंच पर होते हैं, तो उस वक्त क्या हमारे लिए कोई जामिन होता है? मुझे लगता है कि हमें इन मुद्दों पर सोचना चाहिए।”

उन्होंने कहा कि सितार और सारंगी जैसे भारतीय वाद्ययंत्र हमें मंत्रमुग्ध कर देते हैं, लेकिन इन भारतीय वाद्ययंत्रों को इनकी वाजिब पहचान देने के मामले में बीमा कंपनियां पूरी तरह से उदासीन बनी हुई हैं।

शुभा मुद्गल ने कहा, “हमारे यहां भारतीय वाद्ययंत्रों के बीमे का कोई तंत्र नहीं है। अगर मैं अपने कीबोर्ड का बीमा कराना चाहूं तो यह हो जाएगा। लेकिन, अगर मैं अपने तानपुरे का बीमा कराना चाहूं तो यह नहीं हो सकेगा। मैं इस बारे में कुछ नहीं कर सकती क्योंकि मेरा संबंध बीमा क्षेत्र से नहीं है। वहां कोई हमारी आवाज नहीं है।”

उन्होंने पूछा, “हम कैसे सुनिश्चित करें कि सितार, तबला, सारंगी और अन्य ध्वनि संबंधी वाद्ययंत्रों को उनकी वाजिब पहचान मिलेगी? जो कारीगर इन्हें बनाते हैं, उनकी अच्छे से देखभाल होगी?”

शुभा मुद्गल ने कहा कि बीते 100 वर्षो में संगीत समारोहों की संख्या बढ़ी है, लेकिन इससे युवा कलाकारों की समस्या का समाधान नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कला के प्रति समर्पित युवा कलाकारों के लिए संगीत को एक स्थाई पेशा बनाने का तरीका ढूंढ़ना होगा।

मनोरंजन

हाईकोर्ट पहुंचे जैकी श्रॉफ, बिना इजाजत ‘भ‍िडू’ बोला तो देना होगा 2 करोड़ जुर्माना

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मुंबई। बॉलीवुड के दिग्गज एक्‍टर जैकी श्रॉफ को आपने अक्सर ‘भ‍िडू’ शब्द का प्रयोग करते सुना होगा। कई बार उनसे मुलाकात के दौरान उनके फैंस भी इस शब्द का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन अब अगर आपने आगे से ऐसा किया तो आपको 2 करोड़ रु का जुर्माना देना पड़ सकता है। एक्‍टर ने ‘व्यक्तित्व और प्रचार अधिकारों की सुरक्षा’ के तहत ‘भ‍िडू’ शब्‍द के इस्‍तेमाल पर दिल्‍ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और कई संस्‍थानों के ख‍िलाफ केस किया है।

यह मामला उन संगठनों के खिलाफ दायर किया गया है जो जैकी श्रॉफ का इस्तेमाल उनकी अनुमति के बिना व्यावसायिक लाभ के लिए कर रहे हैं। उम्मीद है कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुनाएगा ताकि अभिनेता के प्रचार अधिकारों की रक्षा की जा सके। मामले को कल 14 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

यह पहली बार नहीं है कि किसी बॉलीवुड अभिनेता ने गोपनीयता और प्रचार अधिकार के लिए अदालत से मदद मांगी है। इससे पहले दिग्गज अभिनेता अमिताभ बच्चन ने लोगों को अभिनेता की नकल करने और उनकी सहमति के बिना उनकी आवाज का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए मुंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

दूसरी ओर पिछले साल अनिल कपूर ने भी अपने व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। इसके अलावा, इस साल जनवरी में अनिल कपूर ने केस जीत लिया। इसमें उन्होंने ‘झकास’ शब्द वाला तकिया कलाम, अपने नाम, आवाज, बोलने के तरीके, छवि, समानता और हावभाव की सुरक्षा की मांग की थी। उनका कहना था कि इसका प्रयोग न किया जाए।

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