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कावेरी विवाद : केंद्र ने मांगी मोहलत, तमिलनाडु ने ‘अवमानना’ की कार्रवाई

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नई दिल्ली, 31 मार्च (आईएएनएस)| केंद्र सरकार ने पिछले महीने सर्वोच्च न्यायायल के ‘कावेरी प्रबंधन बोर्ड’ के गठन के आदेश के संदर्भ में कर्नाटक विधानसभा चुनाव का हवाला देते हुए न्यायालय से तीन महीने की मोहलत मांगी है। केंद्र का मानना है कि विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया के दौरान अंतर्राज्यीय नदी जल विवाद अधिनियम की धारा 6(ए) के तहत किसी योजना के गठन और उसकी अधिसूचना से जनता में आक्रोश पैदा होगा, चुनावी प्रक्रिया में बाधा आएगी और कानून-व्यवस्था की गंभीर समस्या पैदा होगी। वहीं दूसरी तरफ तमिलनाडु सरकार ने कावेरी बोर्ड और ‘कावेरी जल नियामक कमेटी’ (सीडब्ल्यूआरसी) के गठन का न्यायालय का आदेश नहीं मानने पर केंद्र सरकार के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करने की मांग की है।

तमिलनाडु सरकार ने कहा कि केंद्र सरकार जानबूझ कर न्यायालय के आदेश को टाल रही है और उस पर अवमानना की कार्रवाई होनी चाहिए।

तमिलनाडु ने अपनी याचिका में कहा, माननीय न्यायालय के 16 फरवरी के आदेश को जानबूझ कर न मानने पर केंद्र सरकार के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए।

कावेरी प्रबंधन बोर्ड और कावेरी नियामक कमेटी के गठन के लिए 16 फरवरी को न्यायालय से मिली छह सप्ताह की समयसीमा के शुक्रवार को समाप्त होने के एक दिन बाद न्यायालय में एक हलफनामा के जरिए केंद्र ने कहा है कि योजना गठित करने को लेकर कर्नाटक और तमिलनाडु सहित चार राज्य सरकारों द्वारा व्यक्त की गई अलग-अलग राय के कारण यह महसूस किया गया कि यदि केंद्र सरकार खुद से कोई योजना लाती है, तो राज्य फिर से न्यायालय में जाएंगे।

केंद्र ने केरल और कर्नाटक सरकारों के रुख का जिक्र किया है, जिनमें कहा गया है कि अंतर्राज्यीय नदी जल विवाद अधिनियम के अंतर्गत प्रस्तावित किसी भी योजना को अधिसूचित करने से पहले उसे उनके साथ साझा किया जाए।

चुनाव आयोग द्वारा कर्नाटक में चुनाव की घोषणा का हवाला देते हुए केंद्र ने कहा, कावेरी मुद्दा कर्नाटक के लोगों की भावनाओं से जुड़ा है और इस मुद्दे के कारण पहले भी कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ चुकी है, जिसमें जान-माल का नुकसान हुआ है।

याचिका में सर्वोच्च न्यायालय से स्पष्टीकरण मांगा गया है कि क्या केंद्र सरकार धारा 6(ए) के अंतर्गत कावेरी प्रबंधन बोर्ड के संबंध में कावेरी जल विवाद न्यायाधिकरण की रिपोर्ट की सिफारिशों से अलग योजना बना सकती है?

याचिका में यह भी पूछा गया है कि न्यायाधिकरण ने जिस बोर्ड के गठन की सिफारिश की है, क्या केंद्र सरकार को बोर्ड की संरचना में इस तरह का बदलाव करने की छूट होगी कि उसे विशुद्ध रूप से एक तकनीकी संस्था बनाने के बदले प्रशासनिक और तकनीकी, यानी एक मिश्रित संस्था बनाई जाए, ताकि बोर्ड का कामकाज प्रभावी रूप से संचालित हो सके?

तमिलनाडु ने केंद्र पर इस संबंध में कोई ठोस कदम न उठाने का आरोप लगाते हुए कहा, न्यायालय के आदेश की छह सप्ताह की समयसीमा के तीन सप्ताह बीतने के बाद केंद्र ने तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक और पुडुचेरी के मुख्य सचिवों की सिर्फ एक बैठक आयोजित की।

याचिका में कहा गया है, कावेरी बोर्ड और कावेरी नियामक कमेटी के गठन के मामले में ऐसी बैठक से कोई खास प्रगति नहीं होती है।

तमिलनाडु ने कहा, कावेरी बोर्ड और कावेरी नियामक कमेटी के गठन में होने वाला विलंब तमिलनाडु के किसानों के साथ अन्याय है।

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Melody सेल्फी ने इंटरनेट पर मचा दिया तहलका, अकेले इंस्टाग्राम पर अब तक 37 मिलियन से ज्यादा व्यूज

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी का कैमरे की ओर देखकर मुस्कुराते और हाथ हिलाते हुए पांच सेकेंड का सेल्फी वीडियो सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा बार देखा जाने वाला वीडियो क्लिप बनने को तैयार है। जॉर्जिया मेलोनी द्वारा शनिवार दोपहर को पोस्ट की गई इस क्लिप को इंस्टाग्राम पर अब तक 37 मिलियन से ज्यादा लोग लोग देख चुके हैं। जबकि 73 हजार से ज्यादा लोगों ने मेलोनी के इस वीडियो पर कमेंट किया है।

वीडियो में दोनों नेताओं को शुक्रवार शाम इटली के अपुलीया में जी-7 शिखर सम्मेलन से इतर हुई द्विपक्षीय बैठक के बाद ठहाके लगाते हुए देखा जा सकता है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इटालियन पीएम जॉर्जिया मेलोनी की पोस्ट का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, ‘भारत-इटली दोस्ती जिंदाबाद!’ – इस पोस्ट को शनिवार शाम तक 8.6 मिलियन व्यूज मिल चुके हैं।

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