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कांग्रेस ने ‘विदआईएनसी’ एप हटाया, डेटा चोरी से इंकार
नई दिल्ली, 26 मार्च (आईएएनएस)| कांग्रेस ने सोमवार को ‘विदआईएनसी’ मोबाइल एप हटा दिया और कहा कि यह एप पांच महीने से निष्क्रिय था। कांग्रेस ने जोर देकर कहा कि इस एप से कोई डेटा चोरी नहीं हुई। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि कांग्रेस पर इस एप के जरिए जानकारी एकत्र करने के आरोपों में सच्चाई नहीं है।
उन्होंने कहा, भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) वाले आपको यह नहीं बताएंगे कि ‘विदआईएनसी’ एप को मात्र 15,000 लोगों ने डाउनलोड किया है। यह निष्क्रिय इसलिए हो गया, क्योंकि हमारे लोग मिस कॉल सदस्यता पसंद नहीं करते। कांग्रेस के लोग भौतिक और ऑफलाइन सदस्यता में विश्वास करते हैं। वहीं नरेंद्र मोदी एप 50 लाख लोगों ने डाउनलोड किया है।
इससे पहले कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर खाते पर कहा था कि ‘विदआईएनसी’ मात्र एक सदस्यता एप है और पार्टी द्वारा सदस्यता के लिए 16 नवंबर, 2017 को ‘डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट आईएनसी डॉट इन’ का इस्तेमाल शुरू करने के बाद से इसका उपयोग नहीं हुआ है।
कांग्रेस ने कहा कि लोगों के गुमराह होने तथा गलत यूआरएल वितरित होने के कारण हमें आज सुबह अपना एप गूगल प्ले स्टोर से हटाने को मजबूर होना पड़ा।
इसके अनुसार, मीडिया द्वारा बताया गया यूआरएल (एचटीटीपी मेंबरशिप डॉट इन) एप से हटा दिया गया है।
पार्टी ने कहा कि जब से सदस्यता के लिए वेबसाइट का इस्तेमाल शुरू हुआ तब से एप का उपयोग मात्र सोशल मीडिया को संचालित करने के लिए किया जा रहा था।
कांग्रेस ने कहा, आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। लोगों के बारे में जानकारी किसी को नहीं दी गई।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को आरोप लगाया था कि नरेंद्र मोदी एप से इसके उपयोगकर्ताओं की जानकारी अमेरिकी कंपनियों को साझा की गई थी। इसके जबाव में भाजपा ने कांग्रेस एप पर भी सवालिया निशान उठाए थे।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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