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कांग्रेस का दावा, नहीं हुई थी ललित मोदी की बीवी की सर्जरी
नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को ललित मोदी को सुषमा स्वराज की मदद मिलने से उपजे विवाद पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाया। पार्टी ने कहा कि धन की हेराफेरी करने वाले मैच फिक्सर पूर्व आईपीएल प्रमुख को मानवीय आधार पर यात्रा दस्तावेज उपलब्ध कराने का दावा झूठा है। कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा कि हमारा सवाल सीधे प्रधानमंत्री से है कि वह इस प्रकरण पर चुप क्यों हैं। क्या दो मापदंड हो सकते हैं? संप्रग और भाजपा के मंत्रियों की ईमानदारी और सत्यता के अलग-अलग नियम हो सकते हैं? पीएम चुप क्यों हैं।” उन्होंने ललित मोदी को पुर्तगाल जाने में मानवीय आधार पर मदद के दावे को भी खारिज करते हुए कहा कि उनकी पत्नी की वहां सर्जरी हुई ही नहीं थी। आनंद शर्मा ने इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में जांच की भी मांग की।
कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा कि उन्हें यूपीए के मंत्रियों की ईमानदारी के लिए निर्धारित किए गए मापदंडों का सम्मान करना चाहिए। ललित मोदी को भगोड़ा और वांछित कहते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, “इस व्यक्ति को एक अस्वीकार्य छूट दी गई, जबकि इसे देश के कानून के तहत प्रत्यर्पित किया जाना चाहिए था या फिर मुकदमा चलाना चाहिए था।” उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार उसे क्यों बचा रही है? इसमें जो भी लोग शामिल हैं, उन्हें सरकार में नहीं रहना चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा, “प्रधानमंत्री को इस मिलीभगत के बारे में बताना चाहिए। इस विषय में कई सवाल उठ रहे हैं। हम इस मामले की पूर्ण जांच की मांग करते हैं।”
आनंद शर्मा ने यह भी कहा कि ललित मोदी ने खुद को लंदन की अदालत में दिवालिया घोषित कर रखा है, लेकिन वह प्राइवेट जेट से दुनिया घूम रहे हैं। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि पिछले दिनों भी वह हवाना और वेनिस में थे और आज वह मॉन्टेनेग्रो में हैं।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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